दिल्ली की सीमाओं पर जारी किसानों के आंदोलन के बीच सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हम किसानों के विरोध-प्रदर्शन के अधिकार को सही ठहराते हैं, लेकिन विरोध अहिंसक होना चाहिए। हम किसानों की दुर्दशा और जिस तरह से चीजें हो रही हैं, उसे लेकर चिंतित हैं। वे भीड़ नहीं हैं। साथ ही न्यायालय ने कहा कि वह इन विवादास्पद कृषि कानूनों के संबंध में कृषि विशेषज्ञों, किसान यूनियनों के प्रतिनिधियों की एक निष्पक्ष तथा स्वतंत्र समिति गठित करने पर विचार कर रहा है। यहां पढ़ें किसान आंदोलन और इससे जुड़ा हर महत्वपूर्ण अपडेट
दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए बिहार के सिवान से सत्य देव मांझी नामक व्यक्ति ने साइकिल पर 1,100 किलोमीटर का सफर तय किया। उन्होंने बताया, 'मैं चाहता हूं कि मोदी सरकार जल्द से जल्द तीनों कृषि कानूनों को रद्द करे। जब तक आंदोलन समाप्त नहीं होगा मैं यहीं रहूंगा।'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, 'कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर जी ने किसान भाई-बहनों को पत्र लिखकर अपनी भावनाएं प्रकट की हैं, एक विनम्र संवाद करने का प्रयास किया है। सभी अन्नदाताओं से मेरा आग्रह है कि वे इसे जरूर पढ़ें। देशवासियों से भी आग्रह है कि वे इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाएं।'