सोमवार को जब सत्र की शुरुआत हुई तो निलंबित सांसदों की सजा को बहाल रखा गया। सभापति के इस फैसले का विपक्षी दलों ने जबरदस्त विरोध किया। इसके साथ ही कृषि कानून वापसी बिल को जिस तरह से सरकार ने दोनों सदनों में पारित कराया उस प्रक्रिया पर भी विपक्ष को ऐतराज है। विपक्षी दलों का कहना है कि जब सर्वदलीय बैठक में तय हुआ था कि कृषि बिल पर विस्तार से चर्चा के बाद आगे बढ़ा जाएगा तो इतना जल्दबाजी में पारित क्यों कराया गया। लेकिन सरकार की तरफ से बयान आया कि उस विषय पर पहले ही चर्चा कराई जा चुकी है। जहां तक विपक्षी दलों के हंगामे का सवाल है तो वो उनकी फितरत बन चुकी है।
लोकसभा में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि भारत सरकार ने आजादी के बाद से जनगणना में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के अलावा अन्य जाति-वार आबादी की गणना नहीं की है। जनगणना अनुसूची केंद्रीय मंत्रालयों सहित विभिन्न हितधारकों के परामर्श से तैयार की गई है।
महाराष्ट्र से अलग विदर्भ राज्य बनाने को लेकर लोकसभा में गृह राज्य मंत्री ने कहा कि ऐसा कोई प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन नहीं है।