नई दिल्ली : झारखंड विधानसभा चुनावों के लिए तैनात की गई सीआरपीएफ की एक इकाई ने आरोप लगाया है कि उनके सैनिकों के साथ 'जानवरों जैसा बर्ताव’ किया गया। उन्हें पीने और खाना बनाने के लिए टैंक से पानी दिया गया। आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की 222 वीं बटालियन के सहायक कमांडेंट-रैंक कंपनी कमांडर ने राज्य के अधिकारियों और दिल्ली मुख्यालय को इस संबंध में लिखा है। उन्होंने दावा किया कि सात दिसंबर को दूसरे चरण का मतदान संपन्न होने के बाद रविवार को 17 किमी पैदल समेत 200 किमी की दूरी तय कर रांची पहुंचने वाले सैनिकों को पानी या अन्य कोई स्थानीय सहायता मुहैया नहीं कराई गई।
झारखंड पुलिस के अतिरिक्त महानिदेशक (संचालन) एम एल मीणा ने आरोपों से इंकार किया है। राज्य चुनावों के समन्वयक मीणा ने पीटीआई भाषा से कहा, 'पहले कुछ समस्याएं थी लेकिन बाद में वे हल कर दी गईं थीं। राज्य में चुनावी दलों और सुरक्षा बलों की भारी आवाजाही के कारण कुछ शुरुआती समस्याएं थीं। सुरक्षा बलों की लगभग 275 कंपनियां राज्य में आयी हैं। यह इकाई एक पारगमन शिविर में थी और उनकी समस्याओं का ध्यान रखा जा रहा था।'
लगभग 100 सैनिकों की ‘गोल्फ’ कंपनी के निर्देशक सीआरपीएफ अधिकारी ने दावा किया है कि नागरिक अधिकारियों द्वारा की गई प्रशासनिक व्यवस्था अत्याधिक अपमानजनक और खराब थी। कमांडर ने पीटीआई भाषा से कहा कि जब उनके सैनिक रविवार रात रांची के खेलगांव परिसर में पहुंचे तो वहां पीने या खाना पकाने के पानी की कोई व्यवस्था नहीं थी और पुलिस अधीक्षक से शिकायत करने के बाद उन्हें उस टैंक से पानी दिया गया जिसका इस्तेमाल आमतौर पर अग्निशमन और जमीनी रखरखाव के लिए किया जाता है।
सीआरपीएफ कमांडर ने कहा कि काफी देर होने और भूखे होने के कारण उनके पास उस पानी को प्रयोग करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। इकाई केवल खिचड़ी बना पाई और वो भी आधी रात तक सैनिकों को परोसी गई। अधिकारी ने अपनी शिकायत में कहा, 'जवानों के साथ जानवरों जैसा बर्ताव किया गया। उनके सम्मान का कोई ध्यान नहीं रखा गया।'
दिल्ली में सीआरपीएफ अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने शिकायत के बारे में अपने झारखंड के समकक्षों को सूचित कर दिया है और वे सभी चुनावी हितधारकों के साथ ‘लगातार’ संपर्क में हैं ताकि सैनिकों को सर्वोत्तम सुविधाएं दी जा सकें। यह भी आरोप लगाया गया है कि सीआरपीएफ इकाई की मदद करने के लिए बोकारो से भेजे गये एक स्थानीय पुलिस अधिकारी को रास्तों और व्यवस्थाओं के बारे में कोई जानकारी नहीं थी।
झारखंड विधानसभा चुनाव पांच चरणों में हो रहे हैं। शेष तीन चरणों का मतदान 12, 16 और 20 दिसंबर को होगा। मतगणना 23 दिसंबर को होगी। सीआरपीएफ ने लगभग 100 कर्मियों की 40 से अधिक कंपनियों को तैनात किया है ताकि मतदान सुचारू रूप से संपन्न हो सकें। अन्य अर्धसैनिक या केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) की इकाइयों को भी तैनात किया गया है।