पश्चिम बंगाल में चक्रवात अम्फान विकराल रूप ले चुका है। इस दौरान लगभग 190 किलोमीटी प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं। कई जगह पेड़ व बिजली के खंभे उखड़ गए हैं, जिसमें तीन लोगों की अब तक जान जा चुकी है। पश्चिम बंगाल और ओडिशा में करीब 6.58 लाख लोगों को पहले ही तटवर्ती इलाकों से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। तूफान की भयावहता को समझते हुए दोनों राज्यों में NDRF की टीमों को तैनात किया गया है।
चक्रवात अम्फान बुधवार को दोपहर करीब 2:30 बजे पश्चिम बंगाल में दीघा और बांग्लादेश में हटिया द्वीप के बीच तट पर पहुंचा। चक्रवात से तटीय क्षेत्रों में भारी तबाही हुई है। जगह-जगह बड़ी संख्या में पेड़ और बिजली के खंभे उखड़ गए, जबकि कच्चे मकानों को भी खासा नुकसान हुआ है।
चक्रवात से अब तक करीब 5500 मकान नष्ट हो चुके हैं। सबसे अधिक नुकसान कच्चे घरों को हुआ है। राजधानी कोलकाता सहित पश्चिम बंगाल के कई तटवर्ती इलाकों में सड़कों व गलियों में भारी बारिश के कारण पानी भर गया।
हालात से निपटने के लिए एनडीआरएफ पूरी तरह तैयार है। एनडीआरएफ के महानिदेशक एसएन प्रधान ने बताया कि चक्रवात फैनी से सबक लेते हुए सभी टीमों को वृक्ष काटने वाले और खंभे काटाने वाले औजार दिए गए हैं।
कई वीडियो फुटेज सामने आए हैं, जिनमें दीघा तट पर समुद्र की काफी ऊंची लहरें उठती दिख रही हैं। भारी बारिश के कारण कई स्थानों पर पानी भर गया तो कहीं लोग प्लास्टिक व कार्ड बोर्ड से खुद को बारिश व तूफान से बचाने की जद्दोजहद करते नजर आए।
भारी बारिश के कारण कोलकाता के निचले इलाकों में कई जगह पानी जमा हो गया। लोग जैसे-तैसे अपना बचाव करते देखे गए। चक्रवात के कारण ओडिशा के पुरी, खुर्दा, जगतसिंहपुर, कटक, केंद्रपाड़ा, जाजपुर, गंजम, भद्रक और बालासोर जिलों के कई इलाकों में भी तेज बारिश हुई है।
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