गांधी जी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 में गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। बापू का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। महात्मा गांधी के जन्मदिन को हर वर्ष गांधी जयंती के साथ पूरे दुनिया में अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाया जाता है। उनकी स्वतंत्रता आंदोलन में प्रमुख भूमिका थी। गांधी जी ने देश को अंग्रेजों की गुलामी से मुक्त कराने के लिए कई बड़े आंदोलन और मार्च निकाले और देश को आजाद कराकर ही रहे। बापू ने देश को सत्य और अहिंसा का पाठ पढ़ाया।
महात्मा गांधी जब भारत आए तो किसानों के ऊपर ब्रिटिश हुकूमत जुल्म ढा रही थी। बिहार के चंपारण में निलहा किसान, तिनकठिया सिस्टम से परेशान थे। राजकुमार शुक्ल के निमत्रंण पर गांधी जी चंपारण पहुंचे और ब्रिटिश प्रशासन के खिलाफ अलख जगाई। कहा जाता है कि चंपारण सत्याग्रह के जरिए गांधी जी ने औपचारिक जनांदोलन की शुरूआत की थी।
महात्मा गांधी ने 12 मार्च 1930 को डांडी मार्च पर निकले थे। इस मार्च का मकसद नमक पर लगाए कर को तोड़ना था। करीब 34 दिन की यात्रा में लगभग 358 लोग शामिल हुए थे। 6 अप्रैल 1930 को वो नवसारी के डांडी पहुंचे और मुट्ठी में नमक लेकर अंग्रेजी सरकार की मुखालफत की।
महात्मा गांधी को एक सनकी शख्स ने 30 जनवरी 1948 को गोली मार दी थी। बापू ने अपने जीवन के आखिरी 144 दिन गांधी स्मृति में ही बिताए थे। गांधी स्मृति को बिड़ला भवन भी कहा जाता है और बापू के निधन के बाद यहां पर एक संग्रहालय बना दिया गया जिसमें उनसे जुड़ी कुछ प्रमुख समान के साथ निजी वस्तुएं शामिल हैं। इन सबके के जरिए गांधी जी के जीवन को दर्शाने का प्रयास किया गया है।
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