- मंगलवार को अफगानिस्तान से भारत आए 78 लोग, इनमें 16 लोग कोरोना पॉजिटिव
- लौटने वालों में तीन ग्रंथी भी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं, ये केंद्रीय मंत्री के संपर्क में आए
- अफगानिस्तान में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए भारत चला रहा है 'ऑपरेशन देवी शक्ति'
नई दिल्ली : संकटग्रस्त अफगानिस्तान से भारतीय एवं अन्य लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। मंगलवार को काबुल से 78 लोग भारत आए लेकिन इनमें से 16 लोग कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं। हैरान करने वाली बात यह है कि इनमें वे तीन ग्रंथी भी शामिल हैं जो काबुल से पवित्र गुरुग्रंथ साहिब लेकर आए। इन ग्रंथियों के संपर्क में केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी आए थे। पुरी एयरपोर्ट से पवित्र ग्रंथ को अपने सिर पर रखकर बाहर निकले। हालांकि, सभी लोगों में कोरोना के लक्षण नहीं पाए गए हैं।
काबुल से अब तक निकाले 800 से ज्यादा लोग
कोरोना के संक्रमण पर रोक लगाने के लिए सरकारें उपाय कर रही हैं। देश में कोरोना की तीसरी लहर की आशंका बनी हुई है। ऐसे में थोड़ी सी भी लापरवाही महामारी को नए सिरे से फैला सकती है। ऐसे में जरूरी है कि काबुल से भारत पहुंच रहे लोगों की कोरोना जांच गंभीरता से की जाए क्योंकि थोड़ी सी चूक या लापरवाही परेशानी का सबब बन सकती है। भारत सरकार काबुल से भारतीय लोगों और अन्य देशों को नागरिकों को निकाल रही है। अभी तक काबुल से 800 से ज्यादा लोगों को निकाला जा चुका है। इसमें दूसरे देश के नागरिक भी शामिल हैं।
'ऑपरेशन देवी शक्ति' चला रहा भारत
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत के इस रेस्क्यू मिशन को 'ऑपरेशन देवी शक्ति' नाम दिया है। मंगलवार को एयर इंडिया के विशेष विमान से ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे के रास्ते 78 लोग दिल्ली पहुंचे। इसमें 25 भारतीय नागरिक शामिल थे। गत सोमवार को भारत ने 75 सिख नागरिकों को अफगानिस्तान से निकाला। बताया जा रहा है कि अफगानिस्तान में अभी भी करीब 200 अफगान सिख और हिंदू फंसे हुए हैं।
'अफगानिस्तान से सिखों का साथ खत्म नहीं हुआ'
केंद्रीय मंत्री पुरी ने 'टाइम्स नाउ नवभारत' के साथ खास बातचीत में कहा कि एक सिख के नाते मुझे आज अपने गुरू को वापस लाकर बेहद खुशी हुई,मुझे इस काम के लिए चुना गया, इसका मुझे गर्व है, सीरियन सिविल वॉर में सिख भाई बहनों ने लंगर सेवा की, महामारी के दौरान सिखों ने लोगों की मदद की, मैंने वापस लौटे लोगों से बात की है, अफगानिस्तान से सिखों का साथ खत्म नहीं हुआ है। उन्होंने कहा जो दल CAA के खिलाफ हैं उन्हें आत्ममंथन करने की जरूरत है हमने दूसरों के लिए कभी अपने दरवाजे बंद नहीं किए, हमने हमेशा दबाए गए लोगों को सहारा दिया है।