- राज्यसभा के 6 टीएमसी सांसद निलंबित, बुधवार को कार्यवाही का हिस्सा नहीं होंगे
- पेगासस मुद्दे पर सदन के वेल में घुसे
- राज्यसभा सभापति की कार्रवाई पर भड़का विपक्ष
राज्यसभा में हंगामा करने वालों 6 सांसदों को सस्पेंड कर दिया गया है। सभापति के इस फैसले के बाद निलंबित सांसद बुधवार को सदन की कार्यवाही में हिस्सा नहीं ले पाएंगे। डोला सेन, नदीम उल हक, अबीर रंजन, अर्पिता घोष, शांता छेत्री, मौसम नूर को निलंबित किया गया है। दरअसल पेगासस के मुद्दे पर ये सांसद वेल में घुस गए थे। 'पेगासस प्रोजेक्ट' मीडिया रिपोर्ट को लेकर विपक्षी सांसदों की नारेबाजी के बीच राज्यसभा दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सांसदों ने हंगामा किया और 18 विपक्षी दलों ने पेगासस पर चर्चा की मांग की।
मुख्तार अब्बास नकवी ने डेरेक ओ ब्रायन पर निशाना साधा
इससे पहले केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने डेरेक ओ ब्रायन पर निशाना साधा और कहा कि अगर उन्हें 'चाट-पपरी' से एलर्जी है, तो वे फिश करी खा सकते हैं. लेकिन संसद को मछली बाजार मत बनाओ। दुर्भाग्य से जिस तरह से संसद की गरिमा को धूमिल करने की साजिश के साथ काम किया जा रहा है, वह पहले कभी नहीं देखा गया: टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन के ट्वीट पर केंद्रीय मंत्री एमए नकवीयदि आप संसद की गरिमा को ठेस पहुँचाते हैं, तो ऐसी गतिविधियाँ न तो उनके हित में हैं और न ही हमारे। यह संसद की परंपराओं के हित में भी नहीं है।
पेगासस पर विपक्ष है हमलावर
बता दें कि पेगासस के मुद्दे पर विपक्षी दल, केंद्र सरकार पर हमलावर हैं। विपक्ष आरोप लगा रहा है कि आखिर सरकार को सदन में इस विषय पर चर्चा कराने में आपत्ति क्यों है। आप एक तरफ निष्पक्ष होने की दलील देते हैं लेकिन दूसरी तरफ विपक्षी नेताओं की बातों को सुन रहे हैं। इससे साफ है कि आप डरे हैं और इस तरह के हालात तो आपातकाल से भी खराब है। सरकार पेगासस के मुद्दे पर साफ साफ तौर पर बोलने से क्यों बच रही है। पेगासस मामले में एडिटर्स गिल्ड इंडिया ने भी सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दायर की है। इस मामले में पांच अगस्त को सुनवाई होनी है।