सेना में भर्ती के लिए लाई गई अग्निपथ योजना का जबरदस्त विरोध हो रहा है। इसके खिलाफ देश के कई हिस्सों में हिंसक प्रदर्शन भी हुआ। कई जगह ट्रेनों में आग लगाई गई। योजना को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। टाइम्स नाउ नवभारत लगातार कोशिश कर रहा है कि उन सवालों के जवाब मिलें। 8 एक्सपर्ट इस मसले पर कन्फ्यूजन दूर करेंगे। सवाल कई हैं कि आखिर सेना में भर्ती का एक ही रास्ता है क्या? 4 साल बाद अग्निवीर क्या करेंगे? क्या छात्रों को विपक्ष भड़का रहा?
हालांकि सरकार ने अग्निवीरों की जॉब गारंटी पर धड़ाधड़ फैसले लिए हैं:
- रक्षा मंत्रालय की भर्तियों में 10% आरक्षण
- गृह मंत्रालय की भर्तियों में 10% आरक्षण
- खेल मंत्रालय भी रखेगा अग्निवीरों का ध्यान
- उड्डयन मंत्रालय भी देगा अग्निवीरों को नौकरी
अग्निवीरों पर रक्षा मंत्रालय ने एक और बहुत बड़ा फैसला किया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के घर पर एक अहम बैठक हुई। इसमें तीनों सेनाओं के प्रमुख और रक्षा सचिव शामिल हुए। इस बैठक के बाद रक्षा मंत्री ने ऐलान किया कि रक्षा मंत्रालय के तहत होने वाली भर्तियों में 10% वैकेंसी अग्निवीरों के लिए आरक्षित होंगी। अग्निवीरों के लिए भर्ती में 10% कोटा कोस्ट गार्ड, सिविल डिफेंस में लागू किया जाएगा। इसके अलावा डिफेंस की 16 पब्लिक सेक्टर कंपनियों में भी 10% पद अग्निवीरों के लिए होंगे। सबसे बड़ी बात ये कि अग्निवीरों के लिए 10% कोटा पूर्व सैनिकों के मौजूदा कोटा से अलग होगा। इसके अलावा इन नौकरियों में अग्निवीरों को उम्र में छूट देने के लिए नियम भी बदले जाएंगे।
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इससे पहले गृह मंत्रालय ने भी अर्धसैनिक बलों की नौकरियों में अग्निवीरों के लिए आरक्षण का बड़ा ऐलान कर दिया। 4 साल की नौकरी के बाद जो अग्निवीर सेना की सर्विस से हटेंगे। उन्हें गृह मंत्रालय अर्धसैनिक बलों की भर्तियों की अपर एज लिमिट में अग्निवीरों को 3 साल की अतिरिक्त छूट भी मिलेगी। अग्निवीरों के पहले बैच को अर्धसैनिक बलों की भर्तियों की अपर एज लिमिट में 5 साल की छूट मिलेगी। यूपी में योगी सरकार कह चुकी है कि अग्निवीरों को पुलिस और अन्य भर्तियों में प्राथमिकता मिलेगी। हरियाणा में खट्टर सरकार कह चुकी है कि अग्निवीरों को भर्तियों में प्राथमिकता देने की योजना बनेगी। मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार कह चुकी है कि अग्निवीरों को पुलिस भर्ती में वरीयता दी जाएगी। उत्तराखंड में धामी सरकार कह चुकी है कि अग्निवीरों को पुलिस और अन्य भर्तियों में प्राथमिकता मिलेगी।
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सरकार का दावा है कि अग्निवीरों के पास मौकों की कमी नहीं होगी। उन्हें प्राथमिकता भी मिलेगी। उन्हें आरक्षण भी मिलेगा। सेना में सर्विस के बाद उनके पास 25 साल की उम्र से पहले पहले ठीक ठाक जमा रकम भी होगी। उन्हें लोन भी मिल सकेगा। अगर नौकरी ना करना चाहे तो बिजनेस आसानी से शुरू कर सकते हैं। यानी भविष्य की चिंता छोड़कर, सेना में अग्निवीर के तौर पर भर्ती प्रक्रिया की तैयारी करनी चाहिए। जो अगले शुक्रवार से शुरू हो जाएगी।