- ज्ञानवापी मस्जिद पर अपनी सर्वे रिपोर्ट अजय मिश्र ने कोर्ट को सौंप दी है
- मिश्र ने अपनी टीम के साथ छह-सात मई को मस्जिद का सर्वे किया
- कोर्ट कमिश्नर ने अपनी रिपोर्ट में शिलापट्ट मंदिर से जुड़े धार्मिक चिन्ह मिलने का दावा किया है
Gyanvapi Masjid survey report : ज्ञानवापी मस्जिद पर आज वाराणसी से लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। सर्वे रिपोर्ट पर ज्ञानवापी मस्जिद में सुनवाई होगी तो सुप्रीम कोर्ट में अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी की अर्जी पर सुनवाई होगी। इस बीच, कोर्ट कमिश्नर अजय कुमार मिश्र की सर्वे रिपोर्ट का एक हिस्सा टाइम्स नाउ नवभारत के हाथ लगा है। मिश्र की यह सर्वे रिपोर्ट शुरुआत के दो दिन की है, उन्होंने अपनी रिपोर्ट बुधवार रात अदालत को सौंप दी। मिश्र ने छह-सात मई को मस्जिद का सर्वे किया था। बाद में वाराणसी के सिविल कोर्ट ने दो अन्य कमिश्नरों की नियुक्ति की।
रिपोर्ट बिना भेदभाव के तैयार की है-विशाल सिंह
कोर्ट के आदेश पर 14 से 16 मई तक तीन दिनों तक कोर्ट कमिश्नरों ने अपनी रिपोर्ट तैयार की है। कोर्ट कमिश्नर विशाल सिंह ने कहा है कि उन्होंने अपनी रिपोर्ट बिना भेदभाव के तैयार की है और वह अपनी रिपोर्ट गुरुवार को कोर्ट में सौंपेंगे। सर्वे टीम का हिस्सा सोहनलाल आर्य ने कहा है कि अब नंदी की प्रतीक्षा खत्म होगी।
ज्ञानवापी मस्जिद पर जमकर राजनीति हो रही है। हिंदू और मुस्लिम पक्ष के अपने-अपने दावे हैं। उम्मीद की जा रही है कि कोर्ट कमिश्नरों की सर्वे रिपोर्ट से सच्चाई सामने आएगी। इस बीच, अजय मिश्र की रिपोर्ट हिंदू पक्ष के दावे को मजबूत करती दिख रही है। मिश्र ने अपनी रिपोर्ट में हिंदू मंदिर में पाए जाने वाले तमाम धार्मिक चिन्हों एवं मूर्तियों का उल्लेख किया है। इनकी वीडियोग्राफी की गई है। मिश्र ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि मस्जिद में शिलापट्ट मिले हैं और शिलापट्ट पर शेषनाग, नागफन, कमल की आकृति है। आइए जानते हैं कि मिश्र की रिपोर्ट में और किन बातों का जिक्र है-
- शिला पट्ट पर शेषनाग, नागफन, कमल की आकृति
- उत्तर पश्चिम कोने पर नए निर्माण
- शिला पट्ट पर सिंदूरी रंग की कलाकृति
- देव विग्रह पर मूर्तियों की कलाकृति
- इन सभी चीजों की वीडियोग्राफी हुई है
- शिलापट्ट पर चार मूर्तियों की आकृति
- चौथी आकृति मूर्ति की तरह दिख रही है
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई को दो दिन के लिए स्थगित करने से पहले हिंदू याचिकाकर्ताओं को नोटिस जारी किया था।मस्जिद कमेटी की ओर से दायर याचिका के जवाब में इंटरवेनर हिंदू सेना ने कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है. अपने हलफनामे में, हिंदू सेना ने कहा कि काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी विवाद के इतिहास की अनदेखी की जा रही है।समूह ने तर्क दिया कि पूजा स्थल अधिनियम लागू नहीं है क्योंकि विवाद आजादी से पहले से चल रहा है। गुरुवार को शीर्ष अदालत वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन करने वाली प्रबंधन समिति अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद की याचिका पर सुनवाई करेगी।