जिले का नाम तो वैसे खीरी है लेकिन लोग लखीमपुर खीरी कहते हैं। तराई इलाके में यह जिला अपनी खेती के लिए मशहूर है। राजधानी लखनऊ से करीब 150 किमी दूर यह जिला पिछले दो वर्षों से सुर्खियों में है। कभी किसान आंदोलन के नाम पर चर्चा में तो अब एक ऐसे कांड की वजह से चर्चा में है जो आठ साल पहले बदायूं कांड की याद दिला रही है। बुधवार को पेड़ से लटकी दो लड़कियां मिलीं जो दलित समाज की थीं। परिवार वालों का आरोप था कि बाइक सवार दो लोग आए और जबरदस्ती उन्हें उठा कर ले गए। आरोपियों ने रेप किया और हत्या कर दी। इस घटना के बाद लखीमपुर पुलिस हरकत में आई। लखनऊ रेंज की आईजी लक्ष्ंमी सिंह भी मौके पर रवाना हुईं और करीब 24 घंटे के भीतर पुलिस ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है जिसमें एक आरोपी को एनकाउंटर के बाद गोली भी लगी है।
सियासत भी गर्म
लखीमपुर खीरी मामले में जमकर सियासत भी हो रही है। समाजवादी पार्टी का कहना है यह योगीराज में कानून का हाल है। एक तरफ तो वो शक्ति मिशन की बात करते हैं और लखनऊ से सटे जिले में नारी शक्ति पर हमला किया गया। इसके साथ ही बीएसपी ने कहा कि दलित समाज की बहन बेटियां सुरक्षित नहीं है। लेकिन बीजेपी ने कहा कि सरकार की मंशा और इकबाल को समझना है तो आप देख सकते हैं कि किस तरह से 24 घंटे के भीतर सभी गुनहगार कानून के शिकंजे में हैं।