नई दिल्ली: टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट्स (TRP) मामले में बड़ा टर्निंग प्वाइंट आया है। दरअसल, रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी और टेलीविजन रेटिंग एजेंसी BARC के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता की व्हाट्सएप चैट वायरल हो गई हैं। इससे कई बड़े-बड़े खुलासे हो रहे हैं। सामने आई अर्नब गोस्वामी की व्हाट्सएप चैट से खुलासा हुआ है कि टीआरपी के लिए किस तरह हेरफेर किया गया है।
अर्नब और पार्थो की चैट से पता चलता है कि अर्नब ने BARC के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता की पैरवी की थी। इससे पहले मुंबई पुलिस ने कहा था कि दासगुप्ता ने रिपब्लिक टीवी के दर्शकों की संख्या बढ़ाने के लिए हेरफेर करने में मदद की थी। चैट से पता चलता है कि अर्नब ने प्रसार भारती के प्रमुख शशि शेखर वेम्पति से भी संपर्क किया था ताकि वह अपने दोस्त पार्थो के कार्यकाल में विस्तार की मदद कर सके। यह ध्यान दिया जा सकता है कि वेम्पति बार्क बोर्ड में दूरदर्शन का प्रतिनिधित्व करते हैं।
अर्नब और पार्थो दासगुप्ता के व्हाट्सएप चैट के खुलासे ने से स्पष्ट हुआ है कि टीआरपी में घपला कर रिपब्लिक चैनल को पहले नंबर पर डाला गया और टाइम्स नाउ चैनल को दूसरे नंबर पर डालने की साजिश की गई। चैट से साफ हुआ है कि यहां दोनों एक-दूसरे को फायदा पहुंचाकर अपना-अपना काम निकाल रहे हैं। एक जगह पार्थो कहते हैं कि क्या आप पीएमओ में मीडिया एडवाइजर जैसा कोई पद दिलाने में आप मदद कर सकते हैं? चैट से सामने आया है कि अर्नब पीएमओ तक अपनी पहुंच का लाभ उठा रहे हैं। अर्नब ने इस पहुंच का फायदा उठाकर बार्क पर अपनी पकड़ मजबूत कर ली थी और टीआरपी में हेरफेर कर अपने चैनल को फायदा पहुंचाया।