नई दिल्ली : रिपब्लिक टीवी के प्रमोटर अर्नब गोस्वामी की 'गिद्ध पत्रकारिता' का पर्दाफाश हो गया है। ब्राडकॉस्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (बार्क) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पार्थो दासगुप्ता के साथ गोस्वामी के वाट्सअप चैट ने गोस्वामी के चेहरे को बेनकाब कर दिया है। अपने चैनल की टीआरपी बढ़ाने के लिए गोस्वामी ने पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली के निधन को भी नहीं बख्शा। जेटली के निधन को रिपब्लिक भारत हिंदी में एक बड़ी जीत के रूप में 'जश्न' मनाया गया। राजनीतिक हस्तियों एवं कई जानी-मानी शख्सियतों ने गोस्वामी के इस रुख को उनकी 'गिद्ध प्रत्रकारिता' बताया है। बार्क के चीफ एग्जीक्यूटिव पार्थो दासगुप्ता के बीच चैट्स टाइम्स नाउ के हाथ लगे हैं।
सवालों के घेरे में अर्नब गोस्वामी
दासगुप्ता और गोस्वामी के बीच हुई बातचीत का यह खुलासा मुंबई पुलिस ने किया है जिसके बाद से रिपब्लिक भारत के एडिटर इन चीफ सवालों के घेरे में आ गए हैं। गोस्वामी के चैट्स सामने आने के बाद उन पर अपने चैनल को टीआरपी का फायदा पहुंचाने के लिए पत्रकारिता की नैतिकता को ताक पर रखने के आरोप लगने शुरू हो गए हैं। बता दें कि मुंबई पुलिस ने गत 24 दिसंबर को दासगुप्ता को गिरफ्तार किया। गोस्वामी और दासगुप्ता के बीच वाट्सअप पर हुई बातचीत का पूरा ब्योरा सोशल मीडिया पर लीक हुआ है। ये चैट्स मुंबई पुलिस की ओर से टीआरपी घोटाला में दायर पूरक चार्जशीट का हिस्सा हैं।