लखनऊ : गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा एवं उत्पात की घटनाओं के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस हरकत में आ गई है। किसान आंदोलन के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे किसानों से धरना स्थल खाली कराया गया है। यूपी सरकार का कहना है कि राज्य में तीन जगहों चिल्ला गांव, नोएडा के प्रेरणा स्थल और बागपत के बदौत में चल रहा धरना समाप्त हो गया है। सरकार के सूत्रों का कहना है कि किसान खुद ही धरनास्थल खाली कर चले गए हैं और इन धरनों से जुड़े असमाजिक तत्व फरार हो गए हैं।
धरने से निर्माण कार्य में अवरोध होने का दावा
बुधवार की रात दिल्ली-सहारनपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर यूपी पुलिस ने धरनारत किसानों को वहां से हटाया। भारतीय किसान यूनियन से जुड़े ये किसान गत 19 दिसंबर से बागपत में धरना दे रहे थे। प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि राजमार्ग पर जारी कार्य में यह धरना अवरोध पैदा कर रहा था्। सड़क पर सीमेंट के स्लैब्स को जेसीबी से हटाया गया। इसके अलावा पुलिस ने धरना स्थल से टेंट भी हटाए। पुलिस का कहना है कि धरना समाप्त कराने के लिए उसकी तरफ से बल का प्रयोग नहीं किया गया।
एडीएम बोले-बल प्रयोग नहीं किया
बागपत के एडीएम अमित कुमार ने कहा, 'एनएचएआई के कार्य में बाधा पहुंच रही थी, इसलिए उसने हमें पत्र लिखा था। एनएचएआई का कहना है कि उनका कार्य पूर्ण होने की स्थिति में है, इसलिए यह जगह खाली करानी जरूरी है। उसे पूर्ण कराने के लिए हम लोग आए थे। बहुत शांतिपूर्ण तरीके से लोग स्वत: ही यहां से चले गए। हम लोग आए तो यहां चार-पांच लोग धरने पर थे। हमने लोगों को उनके घरों पर भिजवा दिया। पुलिस ने किसी तरह का बल प्रयोग नहीं किया। एंबुलेंस से लोगों को घर पर भेजा गया है।'