- गुरुवार को कोटे की दुकान के आवंटन को लेकर हुआ विवाद
- भाजपा विधायक के करीबी पर गोली चलाने का है आरोप
- पुलिस मामले की जांच कर रही, एसडीएम, सीओ निलंबित
बलिया (उत्तर प्रदेश) : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक सुरेंद्र सिंह ने शुक्रवार को बलिया फायरिंग के आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह का यह कहते हुए बचाव किया कि आत्मरक्षा के लिए हथियार सरकार निर्गत करती है और धीरेंद्र ने खुद के बचाव में गोली चलाई। हालांकि, भाजपा विधायक ने गोलीबारी की घटना की निंदा की और इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया। विधायक ने प्रशासन से इस मामले में दोनों पक्षों की शिकायतों की जांच करने और दोषियों को सजा देने की मांग की है।
सुरेंद्र सिंह ने आरोपी का बचाव किया
सुरेंद्र सिंह ने कहा, 'गोलीबारी की घटना दुखद एवं दुर्भाग्यपूर्ण है। मामले में प्रशासन एकतरफा कार्रवाई कर रहा है, मैं इसकी निंदा करता हूं। प्रशासन न्याय का गला घोंट रहा है। गोलीबारी की घटना दुखद है लेकिन धीरेंद्र सिंह ने आत्मरक्षा में यदि गोली नहीं चलाई होती तो उसके परिवार के कई लोगों की जान जा सकती थी। जिसने गलती की है उसे दंड मिलना चाहिए। प्रशासन से अपील है कि वह दोनों पक्ष पर कार्रवाई करे। गोली चलाना अपराध है लेकिन आत्मरक्षा के लिए हथियार का लाइसेंस सरकार ही निर्गत करती है। धीरेंद्र के सामने मरने और मारने के अलावा कोई और विकल्प नहीं था।'
सपा, कांग्रेस नेताओं ने पीड़ित परिवार से की मुलाकात
बलिया में गोलीबारी की इस घटना के बाद विपक्ष योगी सरकार को निशाने पर लगा है। वैरिया से समाजवादी पार्टी के नेता एवं पूर्व विधायक जय प्रकाश अंचल ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की है। बता दें कि कोटे की दुकान के आवंटन को लेकर गुरुवार को हुए विवाद में धीरेंद्र प्रताप सिंह ने कथित रूप से गोलीबारी की जिसमें 46 साल के जयप्रकाश की मौत हो गई। इससे पहले कांग्रेस नेता सीबी मिश्रा ने भी पीड़ित परिवार से मुलाकात की।
एसडीएम, सीओ निलंबित
इस घटना के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना के वक्त दुर्जनपुर गांव में मौजूद एसडीएम, सीओ और अन्य पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार हिरासत से आरोपी धीरेंद्र सिंह को भगाने के आरोप में सीओ निलंबित हुए हैं। इस घटना का एक वीडियो सामने आया है जिसमें गोलीबारी के बीच लोग दहशत में एक खेत में भागते नजर आए हैं। अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने कहा कि इस घटना में अधिकारियों की भूमिका की जांच होगी और वे दोषी पाए गए तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।