नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश के एक पूर्व बीजेपी विधायक राजवीर पहलवान ने रविवार को हाथरस में एक महापंचायत बुलाई थी जिसमें उन्होंने आरोपियों को लेकर एक ऐसा बयान दे दिया है जिस पर लोगों को काफी गुस्सा आ सकता है। महापंचायत में उंची जाति के लोगों को शामिल करने के बाद आयोजित बैठक में पहलवान ने कहा कि हाथरस कांड के गिरफ्तार आरोपिय उतने भी गलत नहीं हैं जितना कि उन्हें दिखाया जा रहा है।
हाथरस में दलित लड़की के साथ कथित गैंगरेप व हत्या मामले में देशव्यापी विरोध प्रदर्शन के बीच बीजेपी नेता का ये बयान आग में घी डालने का काम कर सकता है। पहलवान ने राज्य सरकार के द्वारा इस केस की सीबीआई जांच के आदेश का भी स्वागत किया और कहा कि इससे इस घटना के पीछे का सच बाहर आएगा।
अपर कास्ट के सदस्यों ने इस सभा में पीड़ित परिवार के द्वारा नार्को टेस्ट के लिए इनकार करने की मंशा पर भी संदेह व्यक्त किया। इस महापंचायत में शामिल वकीलों ने कहा कि वे राज्य सरकार के द्वारा गठित किए गए एसआईटी के सदस्यों से भी मुलाकात करेंगे।
बता दें कि राज्य सरकार ने शुक्रवार को ही इस घटना से जुड़े सभी लोगों को नार्को टेस्ट करवाने के आदेश दिए हैं, इसमें पीड़ित परिवार भी शामिल है। ये आदेश तब आया जब पीड़िता की अटॉप्सी रिपोर्ट आई जिसमें गैंगरेप की पुष्टि नहीं की गई थी और जबकि पीड़ित परिवारों ने गैंगरेप का दावा किया था।
दोनों की बातों में विरोधाभास पाए जाने के बाद राज्य सरकार ने पीड़ित परिवार के सदस्यों के भी नार्को टेस्ट के आदेश दिए थे। हालांकि पीड़ित परिवार ने नार्को टेस्ट से गुजरने से साफ मना कर दिया है साथ ही इस परिवार ने इस मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हो।
गौरतलब है कि हाथरस जिले के चंदपा थाना क्षेत्र स्थित एक गांव में गत 14 सितंबर को एक दलित लड़की से कथित रूप से सामूहिक बलात्कार और मारपीट की गई थी।
इस घटना में गंभीर रूप से घायल हुई लड़की की गत मंगलवार को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। इस मामले में गांव के ही रहने वाले अगड़ी जाति के चार युवकों को गिरफ्तार किया गया है। राज्य सरकार ने मामले की एसआईटी से जांच कराई है। शनिवार शाम उसने घटना की सीबीआई से जांच कराने की सिफारिश कर दी।