- चीनी नागरिकों को अवैध तरीके से वीजा दिलाने का है यह मामला
- साल 2011 का है यह केस, जांच के बाद सीबीआई ने की कार्रवाई
- आरोप है कि घूस में मिली रकम को कार्ति चिदंबरम तक पहुंचाया गया
Chinese Visa Case : चीन नागरिकों को वीजा दिलाने के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने कांग्रेस नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम के एक करीबी को गिरफ्तार किया है। जांच एजेंसी ने भास्कररमण से मंगलवार को पूछताछ की इसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया। सीबीआई उसे आज कोर्ट में पेश करेगी। इस गिरफ्तारी के बाद कार्ति की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। कार्ति इस समय लंदन में हैं। बता दें कि सीबीआई ने मंगलवार को कार्ति के आवास एवं दफ्तर से जुड़े 11 ठिकानों पर छापे मारे। छापे की यह कार्रवाई दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और अन्य जगहों पर हुई। जांच एजेंसी के छापे के बाद चिदंबरम और उनके बेटे दोनों ने बयान जारी किया।
भास्कररमण पर 50 लाख रुपए लेने का आरोप
सीबीआई का मानना है कि घूसकांड में भास्कररमण ने बड़ी भूमिका निभाई। चीनी नागरिकों को वीजा दिलाने के लिए इसी ने ही 50 लाख रुपए का लेन-देन किया था। भ्रष्टाचार के एक मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने उसे 2018 में भी गिरफ्तार किया था। सीबीआई का कहना है कि मार्च 2022 में उसने इस मामले की जांच शुरू की। इस जांच के बाद उसने नया मामला दर्ज किया। आरोप है कि उसने वीजा दिलाने के लिए चीनी नागरिकों से 50 लाख रुपए लिए और शेल कंपनियों के जरिए इस रकम को कार्ति तक पहुंचाया।
2011 का है यह केस
पंजाब में एक बिजली कंपनी में काम करने वाले 250 चीनी नागरिकों को गृह मंत्रालय की तरफ से वीजा जारी किया गया। सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है। यह केस 2011 का है। चीनी नागरिकों को वीजा एक महीने के भीतर जारी किया गया जो कि तय सीमा से अधिक था। सीबीआई ने अपने बयान में आरोप लगाया है कि चेन्नई में एक 'व्यक्ति' और बिजली कंपनी के अधिकारी के बीच मुलाकात के बाद वीजा के लिए आवेदन दिए गए।