नई दिल्ली: नारदा स्टिंग मामले में सीबीआई ने तृणमूल कांग्रेस (TMC) के तीन नेताओं समेत पांच आरोपियों के खिलाफ सोमवार को चार्जशीट दाखिल कर दी है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने फिरहाद हकीम, मदन मित्रा, सोवन चटर्जी, सुब्रत मुखर्जी और एसएमएच मिर्जाटी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। सीबीआई ने टीएमसी के नेता फरहाद हकीम, सुब्रत मुखर्जी और मदन मित्रा के साथ पार्टी के पूर्व नेता शोभन चटर्जी को कोलकाता में सोमवार सुबह गिरफ्तार किया। हालांकि कोर्ट ने सभी को अंतरिम जमानत दे दी है।
हालांकि बाद में कलकत्ता हाई कोर्ट ने सभी चारों नेताओं की जमानत पर रोक लगा दी। अगली सुनवाई बुधवार 19 मई को होगी। सीबीआई ने कलकत्ता उच्च न्यायालय में कहा कि वे यहां ठीक से काम करने में असमर्थ हैं और उनकी जांच प्रभावित हो रही है। सभी नेताओं को अस्पताल ले जाया जाएगा। उन्हें अस्पताल में रखा जाएगा। उनकी तबीयत ठीक नहीं है। डॉक्टर अभी उनकी जांच कर रहे हैं।
नारद स्टिंग मामले में कुछ नेताओं द्वारा कथित तौर पर धन लिए जाने के मामले का खुलासा हुआ था। नारद टीवी न्यूज चैनल के मैथ्यू सैमुअल ने 2014 में कथित स्टिंग ऑपरेशन किया था जिसमें तृणमूल कांगेस के मंत्री, सांसद और विधायक लाभ के बदले में कंपनी के प्रतिनिधियों से कथित तौर पर धन लेते नजर आए। यह टेप पश्चिम बंगाल में 2016 के विधानसभा चुनाव के ठीक पहले सार्वजनिक हुआ था। कलकत्ता हाई कोर्ट ने स्टिंग ऑपरेशन के संबंध में मार्च 2017 में सीबीआई जांच का आदेश दिया था।
6 घंटे CBI दफ्तर में रहीं ममता बनर्जी
इस मामले में दो मंत्रियों और तृणमूल कांग्रेस के एक विधायक की गिरफ्तारी के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सीबीआई कार्यालय पहुंच गईं। मुख्यमंत्री बनर्जी 10 बजकर 50 मिनट पर निजाम पैलेस स्थित केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के कार्यालय पहुंचीं। ममता करीब 6 घंटे तक यहां रही और जब बाहर आईं तो कहा कि कोर्ट फैसला देगा।
ममता ने कहा- मुझे भी गिरफ्तार करो
मुख्य सूचना अधिकारी आरसी जोशी ने कहा कि सीबीआई ने नारदा स्टिंग ऑपरेशन से संबंधित मामले में पश्चिम बंगाल सरकार के 4 तत्कालीन मंत्रियों (फिरहाद हकीम, सुब्रत मुखर्जी, मदन मित्रा और सोवन चटर्जी) को गिरफ्तार किया है। सीबीआई ने 16 अप्रैल 2017 को कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश पर तत्काल मामला दर्ज किया था। वकील अनिंदो राउत ने कहा कि मैंने सीएम ममता बनर्जी को अधिकारियों से यह कहते सुना है कि ऐसा कोई नियम नहीं है कि स्पीकर और राज्य सरकार की अनुमति के बिना कोई भी राज्य के अधिकारियों को गिरफ्तार कर सकता है। अगर आप मेरे अधिकारियों को गिरफ्तार करते हैं तो आपको मुझे (ममता) गिरफ्तार करना होगा।
टीएमसी नेताओं की गिरफ्तारी के बाद बड़ी संख्या में टीएमसी समर्थकों ने सीबीआई कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। टीएमसी प्रदर्शनकारियों ने सीबीआई कार्यालय के बाहर सुरक्षा बलों पर पथराव भी किया।
राज्यपाल ने दी सीबीआई को मंजूरी
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने इस मामले में टीएमसी के तीन विधायकों समेत चार नेताओं पर अभियोजन की मंजूरी देने के सीबीआई के अनुरोध पर सात मई को स्वीकृति दे दी थी। इससे दो दिन पहले ही ममता बनर्जी ने राज्य की मुख्यमंत्री के रूप में तीसरी बार शपथ ली थी। हकीम मौजूदा राज्य सरकार में शहरी विकास मंत्री हैं और मुखर्जी के पास पंचायती राज तथा ग्रामीण मामलों का विभाग है। मित्रा विधायक हैं वहीं चटर्जी पूर्व विधायक हैं जो 2019 में तृणमूल कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गये थे लेकिन हालिया विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने भाजपा भी छोड़ दी थी। अधिकारियों ने कहा कि इन सभी नेताओं को ऐसे अपराध में गिरफ्तार और आरोपित किया गया है जो कथित तौर पर पिछले कार्यकाल में हुआ था और चूंकि उस समय ये सभी मंत्री थे, इसलिए मंजूरी देने का अधिकार राज्यपाल के कार्यालय को है।