एक दिन पहले रेवड़ी पॉलिटिक्स को लेकर अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ बयानबाजी की थी और आज केजरीवाल ने विदेश यात्रा की मंजूरी नहीं मिलने को लेकर पीएम मोदी को चिट्ठी लिख दी है। दरअसल केजरीवाल स्मार्ट सिटी सम्मेलन में भाग लेने के लिए सिंगापुर जाना चाहते थे लेकिन अभी तक केंद्र से मंजूरी नहीं मिली है। इस पर बीजेपी ने कह दिया है कि पहले केजरीवाल दिल्ली को संभाल लें, उसके बाद जहां जाना है वहां जाएं। देखिए ये EXCLUSIVE रिपोर्ट।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की केंद्र से लड़ाई में एक नया चैप्टर खुल गया है। ये चैप्टर केजरीवाल की विदेश यात्रा से जुड़ा हुआ है। अरविंद केजरीवाल ने सिंगापुर दौरे की मंजूरी नहीं मिलने को लेकर केंद्र सरकार को घेरा है। सबसे पहले आपको बताते हैं पहले पूरा मामला है क्या? सिंगापुर के हाई कमिश्नर साइमन वॉन्ग ने 1 जून को दिल्ली सचिवालय में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की थी।
तब हाई कमिश्नर ने केजरीवाल को सिंगापुर में होने वाले वर्ल्ड सिटीज समिट 2022 के लिए आमंत्रित किया था। ये कार्यक्रम अगले महीने 2 और 3 अगस्त को होना है। उस वक्त केजरीवाल ने कार्यक्रम में शामिल होने के लिए हामी भी भर दी थी।
अरविंद केजरीवाल का दावा है कि उन्होंने 7 जून को ही विदेश यात्रा जाने की मंजूरी के लिए उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के पास फाइल भेज दी थी लेकिन अभी तक उनकी यात्रा को मंजूरी नहीं मिली है। सिंगापुर दौरे की मंजूरी में देरी के बाद मुख्यमंत्री केजरीवाल ने सीधे प्रधानमंत्री को ही चिट्ठी लिख डाली।
उन्होंने लिखा है कि मुझे बहुत दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि मुझे अभी तक सिंगापुर जाने की अनुमति नहीं दी गई है। मैंने 7 जून को लगभग सवा महीने पहले ही अनुमति मांगने के लिए चिट्ठी लिखी थी। अभी तक कोई जवाब नहीं आया। इस तरह से किसी प्रदेश के मुख्यमंत्री को इतने महत्वपूर्ण मंच पर जाने से रोकना सही नहीं है।
केजरीवाल के आरोपों पर अभी तक ना तो दिल्ली के एलजी और ना ही गृह मंत्रालय की ओर से कोई बयान आया है। दरअसल किसी भी राज्य के मुख्यमंत्री के विदेश दौरे के लिए एक प्रोटोकॉल है। जिसका पालन करना होता है।
- किसी भी मुख्यमंत्री को अगर आधिकारिक विदेश यात्रा पर जाना है तो उसे पहले गृह मंत्रालय से मंजूरी लेनी पड़ती है।
- इसके लिए मुख्यमंत्री को राज्यपाल या उपराज्यपाल के पास फाइल भेजनी पड़ती है
- राज्यपाल या उपराज्यपाल के जरिए फाइल गृह मंत्रालय के पास जाती है
- गृह मंत्रालय से मंजूरी के बाद ही मुख्यमंत्री को विदेश जाने की मंजूरी मिलती है।
दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच विवाद बरसों पुराना है। कभी ज्यादा अधिकार की मांग को लेकर, कभी दिल्ली पुलिस को लेकर तो कभी योजनाओं को लेकर। अब इस विवाद की लिस्ट में केजरीवाल की विदेश यात्रा भी जुड़ गई है। देखना होगा कि क्या चिट्ठी के बाद केजरीवाल को सिंगापुर जाने की मंजूरी मिलती है या नहीं?
केजरीवाल की 'सिंगापुर फाइल' क्या है ?
- 1 जून को सिंगापुर के हाई कमिश्नर साइमन वॉन्ग की अरविंद केजरीवाल से मुलाकात
- हाई कमिश्नर का वर्ल्ड सिटीज समिट 2022 में शिरकत के लिए केजरीवाल को आमंत्रण
- वर्ल्ड सिटीज समिट 2022 में शहरी चुनौतियों और उसके समाधान पर ओपन डिबेट
- अरविंद केजरीवाल की तरफ से वर्ल्ड सिटीज समिट 2022 में सिंगापुर जाने पर हामी
- अरविंद केजरीवाल के दफ्तर ने सिंगापुर दौरे की रूपरेखा तैयार की
- वर्ल्ड सिटीज समिट 2022 में दिल्ली मॉडल दुनिया के सामने रखते अरविंद केजरीवाल
- AAP का आरोप 1 महीने से केजरीवाल के सिंगापुर दौरे की फाइल LG दफ्तर में
- AAP के आरोप पर दिल्ली LG ऑफिस से प्रतिक्रिया आनी बाकी
'सिंगापुर फाइल' पर केजरीवाल की PM को चिट्ठी
'दिल्ली मॉडल को वर्ल्ड क्लास सम्मेलन में पेश करने के लिए सिंगापुर सरकार ने न्योता दिया है। जिसमें दुनिया के कई बड़े-बड़े नेताओं के सामने दिल्ली मॉडल को पेश किया जाएगा। आज पूरा विश्व, दिल्ली मॉडल के बारे में जानना चाहता है। सिंगापुर से मिला ये न्योता देश के लिए गौरव का विषय है। किसी सीएम को इतने महत्वपूर्ण मंच पर जाने से रोकना देशहित के खिलाफ है'।