- दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल की मौत सिर में गोली लगने से हुई
- पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा, पहले सिर में पत्थर लगने से थी मौत की खबर
- दिल्ली हिंसा में अब तक 9 लोगों की मौत, करीब 137 लोग अस्पताल में भर्ती
नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून के समर्थक और विरोधी जब सोमवार को जाफरबाद में आमने सामने हुए तो मामला भड़क उठा। अब उसे विरोध की आग कहें, या गुस्से की आग या साजिश की आग अब तक जाफराबाद, गोकलपुरी, मौजपुर, चांदबाग हिंसा में 9 लोगों की मौत हो चुकी है। जिसमें दिल्ली पुलिस में तैनात हेड कांस्टेबल रतन लाल भी थे। रतन लाल का मंगलवार को अंतिम संस्कार कर दिया गया। लेकिन सवाल उठ रहे थे कि उनकी मौत क्या पत्थर लगने से हुई या गोली लगने से हुई। अब इस सवाल से पर्दा उठ चुका है।
हिंसा की भेंट चढ़ गए रतन लाल
रतन लाल की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। पहले यह बताया जा रहा था कि उनकी मौत सिर में पत्थर लगने से हुई थी। लेकिन रिपोर्ट के मुताबिक उनके सिर में पत्थर नहीं बल्कि गोली लगी थी। पूर्वी दिल्ली के चांदबाग में हिंसक प्रदर्शन को नियंत्रित करने के दौरान गोकलपुर के एसीपी के रीडर रतन लाल शहीद हो गए।
सिर में लगी थी गोली,पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक डीसीपी अमित शर्मा प्रदर्शनकारियों के बीच घिर गए थे। डीसीपी को भीड़ ने लाठी-डंडों से मारना शुरू कर दिया था। उन पर हमला होते हुए देखकर उनके रीडर रतन लाल बचाने के लिए पहुंचे और भीड़ ने उन्हें निशाने पर ले लिया। डीसीपी अमित शर्मा को बचाने के दौरान उनके सिर पर पत्थर से हमला हुआ। यही नहीं जमीन पर गिरने के बाद उनकी पिटाई की गई। बाद में पहुंचे अतिरिक्त पुलिस बल ने सभी घायलों को अस्पताल पहुंचाया। जहां रतन लाल को मृत घोषित कर दिया गया। इसके साथ ही अमित शर्मा व तीन सब इंस्पेक्टरों को मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया।