धाकड़ EXCLUSIVE में बात हुई कलकत्ता हाई कोर्ट के फैसले की। पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा पर हाई कोर्ट ने कहा कि हत्या, बलात्कार, यौन उत्पीड़न की शिकायतों की सीबीआई जांच करे और राज्य सरकार सभी दस्तावेज CBI को सौंप दे। कोर्ट की तरफ से ममता बनर्जी सरकार को ये एक बड़ा झटका है। NHRC ने अपनी जांच के बाद 3 सिफारिश कीं- सिफारिश नंबर 1- हत्या, बलात्कार, यौन उत्पीड़न की शिकायतों की जांच CBI को सौंपी जाए, कलकत्ता हाईकोर्ट ने सिफारिश को माना और जांच CBI को सौंपने के लिए कहा। NHRC की सिफारिश नंबर 2- कोर्ट की निगरानी में SIT का गठन किया जाए, हाई कोर्ट ने इस सिफारिश को भी मान लिया और आदेश दिया कि SIT का गठन कोर्ट की निगरानी में की जाए। गंभीर मामलों के अलावा जो भी केस हैं उनकी जांच SIT करेगी। NHRC की सिफारिश नंबर 3- हिंसा में मारे गए लोगों के परिवार-बलात्कार और यौन उत्पीड़न के शिकार लोगों को पश्चिम बंगाल की सरकार से मुआवजा मिलना चाहिए। कलकत्ता हाई कोर्ट ने मुआवजे की मांग को भी मान लिया है।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक
NHRC की टीम कुल 311 जगह गई थी। 311 में से 188 जगह ऐसी थी जहां पर FIR ही रजिस्टर नहीं की गई। यानि 60 फीसदी जगह पर FIR रजिस्टर नहीं की गई। वहीं NHRC की टीम ने पाया कि 33 जगह ऐसी हैं जहां पर अपराध को कम कर आंका गया। यानि 27 प्रतिशत जगह पर वास्तव में हुए अपराध को कम करके आंका गया।