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Dhakad Exclusive: इमरान राज में युवा बन रहे आतंकी, 50000 रुपए देकर बाबर को बनाया आतंकवादी

Updated Sep 28, 2021 | 20:30 IST

Dhakad Exclusive: पाकिस्तान की आतंकी साजिश नाकाम हुई है। पाकिस्तान का उरी में बड़े हमले का प्लान था। 19 साल का पाकिस्तानी आतंकी पकड़ा गया है। उरी में आतंकी अली बाबर पात्रा पकड़ा गया।

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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान हर मंच पर मानवाधिकारों की बात करते हैं। हर मंच पर वो जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाते हैं लेकिन हम आपको बताते हैं कि इमरान खान के राज में मानवाधिकार महज 50 हजार रुपयों में बिकता है। इमरान खान जो जम्मू-कश्मीर में युवाओं के साथ अत्याचार की बात कहते हैं। उनके पाकिस्तान में 19 साल के मासूम बच्चे के हाथ में बंदूक दे दी जाती है। पाकिस्तान के आडंबर की पोल खुद पाकिस्तान ने खोल दी है, जब 19 Infentry के GOC वीरेन्द्र वत्स बताया कि जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में 19 साल के एक आतंकी अली बाबर पात्रा को जिंदा पकड़ा गया है।

कौन है आतंकी अली बाबर पात्रा?

  • सेना ने उरी में आतंकी बाबर को जिंदा पकड़ा
  • आतंकी बाबर की उम्र महज 19 साल है 
  • कक्षा 7 के बाद बाबर कभी स्कूल नहीं गया 
  • विधवा मां का बेटा है अली बाबर पात्रा
  • बाबर को पैसे का लालच देकर आतंकी बनाया गया
  • बाबर को आतंकी कैंप में ट्रेनिंग दी गई
  • लश्कर ए तैय्यबा के कैंप में 3 हफ्ते की ट्रेनिंग

10 दिन तक चले एक ऑपरेशन में एक पाकिस्तानी आतंकवादी को पकड़ा गया है। पकड़े गए उस लड़के की उम्र महज 19 साल है और उसका नाम है अली बाबर पात्रा। अली बाबर पाकिस्तान स्थित पंजाब के ओकरा का नागरिक है। वो उस पाकिस्तान का नागरिक है जिसके प्रधानमंत्री इमरान खान हैं और वो कई मंचों पर ये दोहराते आए हैं कि जम्मू-कश्मीर में युवाओं के साथ अत्याचार किया जाता है। इमरान खान से सवाल है कि क्या 19 साल के एक मासूम लड़के को आतंकवादी बना देना अत्याचार नहीं है? क्या बीमार विधवा मां के इलाज के लिए दिए गए 20 हजार रुपए के बदले 19 साल के बाबर के हाथ में बंदूक थमा देना अत्याचार नहीं है? 30 हजार रुपए और 3 हफ्ते की ट्रेनिंग देकर अली बाबर को मरने के लिए भारतीय सेना के सामने डाल देना अत्याचार नहीं है? वैसे ये कोई नई बात नहीं है जब पाकिस्तान की धरती से युवाओं को हथियार देकर भारत मरने के लिए भेज दिया जाता है। आज वो नाम अली बाबर पात्रा का है। बीते वक्त में वो नाम 23 साल के अजमल कसाब का था और कल कोई और नाम हो सकता है।

बाबर के पिता मोहम्मद लतीफ की मृत्यु हो चुकी है और वो पाकिस्तान के दीपालपुर जिले के ओकारा (पंजाब) का निवासी है। बाबर ने पाकिस्तान में दीपालपुर के ओकारा से ताल्लुक रखता है। बाबर की मां के इलाज के लिए उसे 20 हजार रुपये दिए गए और इन 20 हजार रुपयों के एवज से उससे उसकी जिंदगी मांग ली गई। बाबर को 30 हजार रुपए बाद में दिए गए। उसे 2019 में पाकिस्तान में गढ़ी स्थित हबीबुल्लाह कैंप में 3 हफ्तों की ट्रेनिंग दी गई और उसे मरने के लिए भारतीय सीमा में दाखिल करा दिया गया। बाबर के साथी आतंकी को सेना ने मार गिराया। 19 साल
के बाबर ने अपनी जान बख्श देने की सेना से अपील की। अली बाबर ने स्वीकार किया है कि वो लश्कर-ए-तैयबा से ताल्लुक रखता है और लश्कर ने ही उसे ट्रेनिंग दी है। उसने अपनी ट्रेनिंग के बारे में बताया कि उसे 3 हफ्तों की ट्रेनिंग दी गई है। बाबर ने बताया कि 2019 में मुजफ्फराबाद के गढ़ी हबीबुल्लाह खैबर कैंप में उसे ट्रेनिंग दी गई थी। ट्रेनिंग के बाद उसे घर भेज दिया गया। इसी साल उसे घर से ये कहकर वापस बुलाया गया कि कोई महत्वपूर्ण कार्य है। अली बाबर ने अपने घर की पूरी जानकारी दी है और अपनी मां का फोन नंबर भी दिया है।
 

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