'धाकड़ EXCLUSIVE' में बात हुई कि उत्तर प्रदेश में चुनावी जंग शुरू हो चुकी है। उत्तर प्रदेश के चुनावी रण में चार राजनीतिक शक्तियों में से तीन मौजूद हैं। बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी। तीनों अलग अलग पार्टियों के नेताओं ने आने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए अपनी रणनीतियों का संकेत दिया। असदुद्दीन ओवैसी ने मुस्लिम कार्ड पर अपनी बाजी सजाई। बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने प्रबुद्ध और ब्राह्मण वर्ग का चुनावी कार्ड खेला और मौजूदा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सबका साथ सबका विकास के तहत सूबे की जनता के भरण-पोषण की बात की।
असदुद्दीन ओवैसी ने ऐलान किया कि 100 सीटों पर यूपी में चुनाव लड़ेंगे। मायावती ने कहा कि 2022 में उत्तर प्रदेश में BSP की पूर्ण बहुमत की सरकार बनेगी। मायावती ने हाथ में त्रिशूल लेकर विरोधियों को संदेश दे दिया कि लड़ेंगे और जम कर लड़ेंगे। मायावती ने बात-बात में कह दिया कि प्रबुद्ध वर्ग यानी कि ब्राह्मण वर्ग योगी सरकार में खुश नहीं है। उत्तर प्रदेश के चुनावी रणक्षेत्र में मायावती ने अपने तरकश से ब्राह्मण तीर चला दिया है। निशाना कितना सटीक है, फैसला 2022 में होगा।
वहीं अतीक अहमद और उनकी पत्नी शाइस्ता परवीन का रिश्ता ओवैसी की पार्टी AIMIM से जुड़ गया। ओवैसी मुस्लिम कार्ड का ये एक पहलू है। ओवैसी ने मुसलमानों को उनकी ताकत याद दिलाई और ऐलान किया 60 साल दूसरों को जिताया अबकी बार उत्तर प्रदेश का मुसलमान चुनाव जीतेगा। उत्तर प्रदेश में ओवैसी के साथ साथ एक विवाद की एंट्री हुई। ओवैसी के पोस्टर्स में अयोध्या की जगह फैजाबाद लिखा था। पुलिस ने याद दिलाया कि अयोध्या लिखा जाना चाहिए। ओवैसी को बात समझ आई और उन्होंने खुद कहा पोस्टर्स पर अयोध्या लिखवाया। असदुद्दीन ओवैसी ने उत्तर प्रदेश के मुसलमानों को ये जाहिर कर दिया कि उनकी ताकत पर ही वो उत्तर प्रदेश का चुनाव लड़ने आए हैं। ओवैसी ने कहा कि मुसलमानों का यूपी में सिर्फ चुनावी इस्तेमाल किया गया है। उनके विकास के बारे में किसी ने नहीं सोचा।
इसके अलावा योगी आदित्यनाथ का यूपी चुनाव के लिए एक ही एजेंडा है। यूपी में सबका साथ...सबका विकास और सबका विश्वास।