वो सिर्फ 4 साल का था। जम्मू-कश्मीर के रजौरी में रहता था। आतंकवादी हमले में वो मारा गया।वो 4 साल का वीर सिंह तो शायद ये भी नहीं जानता रहा होगा कि भारत-पाकिस्तान के बीच विवाद क्या है। आतंकवाद क्या है। ये जेहाद क्या होता है। वो बिलकुल नहीं जानता था।आखिर क्या कसूर था उसका। क्या ये कसूर था कि वो जम्मू कश्मीर के रजौरी में रहता था। क्या ये कसूर था कि वो बीजेपी नेता का भतीजा था।जो पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों की आंखों में खटक रहा था।आतंकवादियों ने रजौरी में बीजेपी के मंडल अध्यक्ष जसबीर सिंह के घर पर ग्रेनेड फेंका।जिसकी जद में जसबीर सिंह के छोटे भाई बलबीर सिंह का बेटा वीर सिंह आ गया।और उसकी मौत हो गई। रजौरी से प्रदीप दत्ता की ये रिपोर्ट देखते हैं।
आतंकियों के निशाने पर थे बीजेपी के जसबीर सिंह
आतंकवादियों के निशाने पर शायद बीजेपी के मंडल अध्यक्ष जसबीर सिंह थे।लेकिन उस ग्रेनेड अटैक में 4 साल के वीर सिंह की मौत हो गई। जम्मू कश्मीर में नेताओं पर आतंकी हमला कोई नई बात नहीं है।जब से अनुच्छेद 370 हटाया गया है ऐसे कई हमले हुए हैं।
- 5 जुलाई 2020 को पुलवामा में शब्बीर बट की हत्या
- 8 जुलाई 2020 को बीजेपी नेता वसीम बारी, उनके भाई और पिता की हत्या
- 7 अगस्त 2020 को काजीकुंड में सरपंच सज्जाद अहमद की हत्या
- 10 अगस्त 2020 को बडगाम हमले में हमीद नजर की मौत
- 19 अगस्त 2020 को सरपंच निसार अहमद भट का अपहरण और 28 अगस्त को श्रीनगर के खोनमोह इलाके में शव बरामद किया गया
- 7 अक्टूबर 2020 को बीजेपी के जिला उपाध्यक्ष गुलाम कादिर पर आतंकी हमला हुआ जिसमें उनके पीएसओ की मौत हो गई।
- 1 अप्रैल 2021 को बीजेपी नेता अनवर खान के घर पर आतंकी हमला हुआ
- 2 जून 2021 को त्राल के म्युनिसिपल काउंसलर राकेश पंडिता की हत्या कर दी गई
हताश आतंकियों की हरकत
सवाल यह है कि आतंकियों की इस तरह की कायराना हरकत क्यों कर रहे हैं, इस संबंध में आमतौर पर सभी जानकार एक सुर में बोलते हैं कि अब आतंकी गुटों में हताशा चरम पर है, लिहाजा इस तरह के हमले हो रहे हैं। खासतौर से बीजेपी नेताओं को निशाना बनाने के पीछे बड़ी वजह यह है कि अनुच्छेद 370 हटाने का काम बीजेपी शासन में हुआ। इसके साथ आतंकियों के खिलाफ एक्शन तेज हुआ है।