- 13 और 15 अगस्त को एयरबेस के समीप उड़ते हुए दिखे संदिग्ध ड्रोन
- शिकायत के बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है, सुरक्षा एजेंसियां भी हरकत में
- रणनीतिक रूप एवं अभियान के लिहाज से काफी अहम है अंबाला एयरबेस
Ambala air base : अंबाला में एयर फोर्स स्टेशन की सुरक्षा में चूक सामने आई है। यहां एयरबेस के पास दो दिन 13 और 15 अगस्त को आसमान में संदिग्ध ड्रोन उड़ता हुआ देखा गया। एयर फोर्स स्टेशन के तीन किलोमीटर के दायरे में ड्रोन उड़ाने पर रोक है। फिर भी ड्रोन का दिखना सुरक्षा में एक बड़ी चूक माना जा रहा है। शिकायत के बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। संदिग्ध ड्रोन देखे जाने पर एएसपी पूजा डाबला ने कहा कि अंबाला एयर फोर्स स्टेशन से पाक 15 अगस्त को एक लाल रंग के ड्रोन देखे जाने की शिकायत हमें मिली है। इसी तरह का एक ड्रोन 13 अगस्त को भी देखे जाने की बात कही जा रही है। इसकी शिकायत दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। अंबाला जैसे अहम एयरबेस के पास संदिग्ध ड्रोन नजर आने के बाद सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े हो गए हैं। उन्होंने भी इसकी जांच शुरू कर दी है।
काफी अहम है अंबाला एयरबेस
हाल के समय में जम्मू के अलग-अलग इलाकों एवं अंतरराष्ट्रीय सीमा पर संदिग्ध ड्रोन देखे जाने की घटनाएं हुई हैं। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि ये ड्रोन पाकिस्तान की तरफ से भेजे जाते हैं। गत 26 एवं 27 जुलाई की मध्य रात्रि राजस्थान बॉर्डर पर एक संदिग्ध ड्रोन दिखा। यह ड्रोन श्रीगंगानगर के घरसाना सेक्टर के समीप उड़ता दिखा। बीएसएफ की टीम ने इस ड्रोन पर कई फायर किए। देश की सुरक्षा में अंबाला एयरबेस काफी अहमियत रखता है। इस एयरबेस पर राफेल की गोल्डन एरो 17 स्कवाड्रन तैनात है। अन्य लड़ाकू विमान भी यहां से उड़ान भरते हैं।
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यहां तैनात हैं राफेल विमान
रणनीति एवं अभियान के लिहाज से यह एयरबेस पाकिस्तान और चीन दोनों के निशाने पर है। यहीं से इन दोनों देशों की गतिविधियों पर नजर रखी जाती है। राफेल की सुरक्षा को लेकर जहां वायुसेना से पुख्ता बंदोबस्त किए हैं, वहीं प्रशासन ने भी इस की सुरक्षा को लेकर निर्देश जारी किए हैं। साल 2020 में अंबाला एयरबेस पर ही राफेल को भारतीय वायुसेना में औपचारिक रूप से शामिल किया गया, जिसमें रक्षामंत्री राजनाथ सिंह सहित फ्रांस से रक्षामंत्री तक अंबाला आए।