नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार को चीनी लोन ऐप (Chinese Loan App) मामले से जुड़ी जांच को लेकर बेंगलुरु में कई स्थानों पर छापा मारा। एजेंसी ने शनिवार को कहा कि संघीय एजेंसी ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) 2002 के प्रावधानों के तहत छापे मारे। ईडी ने कहा कि रेजरपे प्राइवेट लिमिटेड (Razorpay Pvt Ltd), कैशफ्री पेमेंट्स (Cashfree Payments), पेटीएम पेमेंट सर्विसेज लिमिटेड (Paytm Payment Services Ltd) और चीनी व्यक्तियों द्वारा नियंत्रित और संचालित संस्थाओं के परिसरों में सर्च ऑफरेशन किया गया।
ईडी ने कहा कि तलाशी अभियान के दौरान, यह देखा गया है कि जिन संस्थाओं पर छापा मारा गया था, वे विभिन्न मर्चेंट आईडी और पेमेंट गेटवे और बैंकों के खातों के माध्यम से क्राइम कर रहे है और वे एमसीए की वेबसाइट या रजिस्टर्ड पते पर दिए गए पते से भी काम नहीं कर रहे थे। फर्जी पते पर काम कर रहे हैं। एजेंसी ने कहा कि चीनी व्यक्तियों द्वारा नियंत्रित संस्थाओं के मर्चेंट आईडी और बैंक खातों में 17 करोड़ रुपए की राशि जब्त की गई है।
यह मामला साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन, बेंगलुरु शहर द्वारा कई संस्थाओं और व्यक्तियों के खिलाफ दर्ज की गई 18 एफआईआर पर आधारित है, जो उन संस्थाओं द्वारा चलाए जा रहे मोबाइल ऐप के माध्यम से जनता के जबरन वसूली और उत्पीड़न में शामिल होने के संबंध में हैं। पूछताछ के दौरान, ईडी ने कहा कि यह सामने आया है कि इन संस्थाओं को चीनी व्यक्तियों द्वारा नियंत्रित या संचालित किया जाता है।
ईडी ने कहा कि इन संस्थाओं की कार्यप्रणाली भारतीयों के जाली दस्तावेजों का उपयोग करके और उन्हें उन संस्थाओं के डमी निदेशक बनाकर अपराध की आय उत्पन्न कर रही है। यह ध्यान में आया है कि उक्त संस्थाएं विभिन्न मर्चेंट आईडी और पेमेंट गेटवे और बैंकों के पास रखे खातों के माध्यम से अपना संदिग्ध और अवैध व्यवसाय कर रही थीं।