- पुलिस अधिकारी ने कहा कि 2013-17 तक आतंक का ग्राफ ऊपर जा रहा था
- डीजीपी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति काफी अच्छी है
- हाल के दिनों में राज्य में 40 से ज्यादा ड्रोन की एक्टिविटी हुई-दिलबाग सिंह
नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह का कहना है कि राज्य में 40 से ज्यादा ड्रोन एक्टिविटी हुई। साथ ही सुरक्षाबलों की सख्ती की वजह से राज्य में ड्रोन की साजिशों में कमी आई है। 'टाइम्स नाउ नवभारत' से खास बातचीत में दिलबाग सिंह ने सोमवार को कहा कि सुरक्षाबल की मुस्तैदी एवं सतर्कता की वजह से घाटी में आतंकी गतिविधियां कम हुई हैं। राज्य में सुरक्षाबलों ने आंतकवादियों के खिलाफ ऑपरेशन तेज किया है। उन्होंने कहा कि साल 2013 से 2017 के बीच घाटी में आतंकी घटनाओं का ग्राफ ऊपर जा रहा था लेकिन अब इसमें कमी आई है।
2018 में आतंकवाद का ग्राफ तेजी से नीचे आया
राज्य की कानून-व्यवस्था पर सिंह ने कहा कि साल 2018 में आतंकवाद का ग्राफ तेजी से नीचे आया। हमने दहशतगर्दी के खिलाफ अपना ऑपरेशन तेज किया जिसके बाद आतंकी घटनाओं में कमी आई। सिंह ने बताया कि बीते दो वर्षों में चले ऑपरेशन में एक भी नागरिक की मौत नहीं हुई। राज्य में नागरिकों की हत्याएं आतंकवादियों ने की हैं। डीजीपी ने कहा कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की यात्रा के समय में जम्मू-कश्मीर में बंद का आह्वान नहीं हुआ। राष्ट्रपति की यात्रा के दौरान बाजार खुले थे। सड़कों पर सामान्य दिनों की तरह वाहन नजर आए। यह घाटी में अलगाववाद के खात्मे और हालात में सुधार को दर्शाता है।
ड्रोन सुरक्षाबलों के लिए एक नई चुनौती
केंद्रशासित प्रदेश में समय-समय नजर आ रहे संदिग्ध ड्रोन्स के बारे में सिंह ने कहा कि सुरक्षाबलों के लिए यह एक नई चुनौती है। हम लोग इस चुनौती से निपटने के लिए लगातार कदम उठा रहे हैं। अच्छी बात यह है कि अंतरराष्ट्रीय सीमा और अन्य हिस्सों में हथियारों एवं ड्रग्स वाले 80 प्रतिशत ड्रोन्स सुरक्षाबलों की नजर में आ गए। इनमें से कई ड्रोन को हमने मार गिराया।
12 स्थानीय आतंकवादियों ने सरेंडर किया
सिंह ने बताया कि दहशतगर्दी का रास्ता पकड़े चुके युवाओं को वापस समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए पहल शुरू हुई है। स्थानीय युवक हथियार छोड़कर वापस अपने परिवार के पास आए हैं। घाटी में ऐसे कई परिवार हैं जो यह चाहते हैं कि उनके बच्चे वापस घर आएं। इसके लिए वे सुरक्षाबलों की मदद चाहते हैं। बीते एक साल में मुठभेड़ के दौरान 12 स्थानीय आतंकवादियों ने सरेंडर किया। इससे जाहिर है कि इन युवाओं को गुमराह कर आतंकवाद के रास्ते पर लाया जाता है।
तालिबान पर देश की शीर्ष एजेंसियों की नजर
कश्मीर में तालिबान के प्रभाव पर डीजीपी ने कहा कि इस बारे में हम अभी कोई अटकल नहीं लगा सकते। इस पर देश की शीर्ष एजेंसियों की नजर है और वे इसे देख रही हैं। घुसपैठ के बारे में पुलिस अधिकारी ने कहा कि हाल ही में भारतीय क्षेत्र में दाखिल होने के कई प्रयास हुए। हाल ही में माछिल सेक्टर में आतंकियों ने घुसपैठ की। इनमें से तीन आतंकवादियों को मार गिराया गया।