- टाइम्स नाउ नवभारत से चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की खास बातचीत
- पीके ने बताया कि आखिरकार कांग्रेस में शामिल होने पर कहां फंस गया पेंच
- चुनावी रणनीतिकार ने कहा कि ईएजी को लेकर उनके मन में कुछ संदेह था
Prashant Kishor Interview : कांग्रेस में शामिल होने को लेकर देश की सबसे पुरानी पार्टी के साथ चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (PK)की बात क्यों नहीं बन पाई, इसे लेकर सियासी गलियारे में कई तरह की चर्चाएं हैं। हालांकि, कांग्रेस के साथ 'डील' न होने को लेकर पीके ने शुक्रवार को टाइम्स नाउ नवभारत के साथ विस्तार से बात की। टाइम्स नाउ नवभारत की ए़डिटर इन चीफ नाविका कुमार के साथ खास बातचीत में प्रशांत किशोर ने कहा कि कांग्रेस में बदलाव के लिए अनौपचारिक व्यवस्था बनाई जा रही थी और एम्पावर्ड एक्शन ग्रुप (ईएजी) की संवैधानिक उपयोगिता को लेकर उन्हें संदेह था। पीके दो मई को बड़ा ऐलान करने वाले हैं।
ईएजी में चेयरमैन की पोस्ट नहीं था-पीके
उन्होंने कहा कि कांग्रेस उन्हें ईएजी का सदस्य बनाना चाहती थी लेकिन और उन्हें लगा कि ईएजी में चेयरमैन की पोस्ट नहीं है। ऐसे में उनके मन में सवाल था कि यह संभव कैसे होगा। प्रशांत किशोर ने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व ने उन्हें बुलाया और बातों को सुना, इसके लिए वह उनके आभारी हैं। कांग्रेस ने उन्हें बड़ी जिम्मेदारी दी।
'बदलाव के लिए अनौपचारिक व्यवस्था बनाई जा रही थी'
पीके ने कहा, 'मेरी कांग्रेस से बात उनकी शर्तों पर हुई थी। बदलाव के लिए अनौपचारिक व्यवस्था बनाई जा रही थी। बदलाव के लिए कांग्रेस अध्यक्ष को फैसला लेना था। ईएजी की संवैधानिक उपयोगिता पर मुझे संदेह था। मेरे मन में सवाल था कि यह संभव कैसे होगा। कांग्रेस को पूरी तरह से नया करने पर सुझाव था लेकिन मुझे लगता है कि EAG को चार-पांच लोग चलाएंगे। EAG में किसी चेयरमैन की पोस्ट नहीं है। कांग्रेस ब्लू प्रिंट का मेंबर बनाना चाहती थी लेकिन EAG की परिकल्पना लंबे बदलाव की नहीं थी। अभी मेरे मन में कांग्रेस के प्रति कोई कटुता नहीं है।
सोनिया गांधी के सामने 8-9 घंटे चला प्रेजेंटेशन
ट्वीट डिलीट करने और फिर उसमें एक शब्द जोड़कर ट्वीट करने के सवाल पर पीके ने कहा कि पहली बार ट्वीट करने में 'जनरस' शब्द छूट गया था। इसे बाद में अपने दूसरे ट्वीट में जोड़ा। पीके ने बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के सामने उनका प्रेजेंटेशन करीब आठ नौ घंटे तक चला। उनके इस प्रेजेंटेशन को केवल कांग्रेस अध्यक्ष ने देखा।
केवल सोनिया गांधी ने देखा था उनका प्रेजेंटेशन
कांग्रेस के अन्य नेताओं को इस प्रेजेंटेशन के हिस्से दिखाए गए। इस सवाल पर क्या राहुल गांधी ने प्रेजेंटेशन देखा? पीके ने कहा उनका प्रेजेंटेशन कांग्रेस अध्यक्ष के सामने हुआ था। उन्होंने कहा, 'मैंने कांग्रेस में शामिल होने से पहले एक शर्त रखी थी औऱ उससे सभी शंकाओं को खत्म करने के लिए कहा था।'
यूपीए के पार्टनर्स में अब उतनी ताकत नहीं-पीके
वाट्सग्रुप पर वायरल ड्राफ्ट के बारे में पीके ने कहा कि यह एक साल पुराना है। उन्होंने कहा, 'मैंने जो प्रेजेंटेशन दिया उसका इस ड्राफ्ट से कोई समानता नहीं है। प्रजेंटेशन के छह-आठ सेक्शन हैं।' चुनावी रणनीतिकार ने कहा कि यूपीए के पार्टनर्स में अब उतनी ताकत नहीं बची है। साथ ही उन्होंने कहा कि केसीआर के साथ उनकी बातचीत का कांग्रेस के साथ 'डील' टूटने का कोई संबंध नहीं है। बिहार के सीएम नीतीश कुमार के बारे में किशोर ने कहा कि उन्होंने मुझे जद-यू से निकाला लेकिन वह उनका सम्मान करते हैं।