- देश में कोरोना के मामलों में तेजी से आ रही है कमी
- कोरोना के कम केस के बाद पाबंदियों में दी गई है ढील
- वैज्ञानिकों को चौथी लहर की आशंका, पहले से लेकर तीसरी लहर तक के डेटा का विश्लेषण
देश में कोरोना के सक्रिय मामलों में दिन ब दिन गिरावट आ रही है इससे साफ है कि देश ओमिक्रॉन के खतरे या तीसरी लहर से उबर चुका है। लेकिन क्या एक बार फिर कोरोना अपने पीक पर होगा। क्या देश 22 जून से चौथी लहर(Coronavirus fourth wave) का सामना करेगा। ये वो कयास हैं जो डराने वाले हैं। इन सबके बीच आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिकों ने जो चेतावनी दी है वो डराने वाली है।23 अगस्त पीक पर 22 अक्टूबर को उतार पर होगा। कोरोना की पहली लहर से लेकर तीसरी लहर तक के डेटा का अध्ययन करने के बाद वैज्ञानिकों ने चेतावनी जारी की है।
चौथी लहर के पीछे और क्या वजह हो सकती है। क्या कोरोना पाबंदियों को ढील देने में किसी तरह की लापरवाही की जा रही है। क्या जल्दबाजी में फैसला लिया जा रहा है। वैज्ञानिकों का कहना है कि हमें कोरोना के खिलाफ टीकाकरण और कोविज अनुरूप व्यवहार को सख्ती से पालन करने की जरूरत है। कुछ लोगों का कहना है कि कोरोना को अब पैनडेमिक की जगह एंडेमिक घोषित कर देना चाहिए।
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