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सामने आई 'फ्री कश्मीर' का पोस्टर दिखाने वाली लड़की, विवाद बढ़ने पर जारी किया वीडियो, बताई वजह

Updated Jan 07, 2020 | 12:36 IST

'Free Kashmir' Row : लड़की ने कहा, 'मेरा नाम महक है। मैं मुंबई में रहती हूं और मैं लेखक हूं। 'फ्री कश्मीर' पोस्टर पर मैंने कई प्रतिक्रियाएं देखी हैं। इस प्लेकार्ड की गलत व्याख्या की जा रही है।

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मुख्य बातें
  • गेटवे ऑफ इंडिया पर सोमवार शाम जेएनयू हिंसा के खिलाफ हुआ प्रदर्शन
  • लड़की ने दिखाया था 'फ्री कश्मीर' का पोस्टर, सोशल मीडिया पर हुई ट्रोल
  • लड़की ने वीडियो जारी कर दी सफाई, कहा-प्लेकार्ड का गलत मतलब निकाला गया

नई दिल्ली : मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया पर प्रदर्शन के दौरान सोमवार को 'फ्री कश्मीर' का प्लेकार्ड दिखाने वाली लड़की सामने आई है और उसने इस विवाद पर अपना स्पष्टीकरण दिया है। बता दें कि प्रदर्शन के दौरान 'फ्री कश्मीर' का पोस्टर दिखाने पर विवाद पैदा हो गया है और इस पर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। 'फ्री कश्मीर' पोस्टर दिखाए जाने के बाद सोशल मीडिया पर लड़की को ट्रोल किया गया है। इन सबके बीच महक मिर्जा प्रभु नाम की लड़की सामने आई है और अपने 'फ्री कश्मीर' पोस्टर पर सफाई दी है। महक ने एक वीडियो जारी कर इस पूरे मामले पर अपनी बात रखी है।   

लड़की ने कहा, 'मेरा नाम महक है। मैं मुंबई में रहती हूं और मैं लेखक हूं। 'फ्री कश्मीर' पोस्टर पर मैंने कई प्रतिक्रियाएं देखी हैं। इस प्लेकार्ड की गलत व्याख्या की जा रही है। कल (सोमवार) को मैं सात बजे के करीब गेटवे ऑफ इंडिया पर प्रदर्शन में शामिल होने के लिए पहुंची। हम जेएनयू के छात्रों के समर्थन में नारे लगा रहा थे। मैनें देखा कि कुछ लोग प्लेकार्ड  बना रहे हैं। वहां पर एनआरसी, सीएए और हर विषय पर प्लेकार्ड बन रहे थे। वहां पर एक प्लेकार्ड था जिस पर 'फ्री कश्मीर' लिखा था। मैं कश्मीरी नहीं हूं। मैं मराठी हूं लेकिन प्लेकार्ड को लेकर जो बातें कहीं जा रही हैं वे पूरी तरह से गलत हैं।'

महक ने आगे कहा, 'संवैधानिक मूल्यों की अगर बातें करें तो कश्मीर में इसका हनन हुआ है। मेरा प्लेकार्ड का मतलब संवैधानिक मूल्यों के हनन के संदर्भ में था। कश्मीरियों को हम लोगों की तरह ही अधिकार मिलना चाहिए लेकिन इस प्लेकार्ड का एकदम गलत मतलब निकाला जा रहा है। प्लेकार्ड को लेकर जिस तरह की अब बातें की जा रही हैं, उससे मैं डर गई हूं। मैं एक साधारण महिला हूं। मुझे लेकर कोई घृणा न फैलाई जाए। एक मराठी होने के नाते मैं कश्मीरियों के साथ खड़ी हूं और यह पोस्टर कश्मीर में इंटरनेट शटडाउन के खिलाफ था।'

वहीं, गेटवे ऑफ इंडिया पर विरोध-प्रदर्शन का आयोजन करने वाले आयोजनकर्ताओं ने इस विवाद पर कोई टिप्पणी करने से इंकार किया है। एक आयोजक ने टाइम्स नाउ से कहा कि लोग अपनी मानसिकता के साथ कार्यक्रम में आते हैं लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि हम उनकी बातों का समर्थन करते हैं। हम देश की एकता एवं धर्मनिरपेक्षता के साथ हैं। एक आयोजक ने कहा, 'यहां अलग-अलग तरह के प्लेकार्ड थे और इसमें आपत्तिजनक प्लेकार्ड से भी हम इंकार नहीं करते। यह एक स्वाभाविक प्रदर्शन था। हम एक हर पोस्टर एवं प्लेकार्ड की जांच नहीं कर सकते।'

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