कोरोना संकट कई लोगों पर कहर बनकर टूटा है। देश के कई हिस्सों में लाखों प्रवासी मजदूरों पर इसका संकट बुरी तरह से गहराया है। लॉकडाउन लगने से मजदूरों के पास न काम बचा, जिससे उनको खाने की किल्लत हुई और उनके रहने का भी प्रबंध न हो सका। ऐसे में लाखों मजदूर पैदल ही सैकड़ों-हजारों किलोमीटर दूर अपने घरों की ओर निकल पड़े। यहां हम आपको एक ऐसे ही शख्स की कहानी बता रहे हैं, जो अपने गृह नगर से सैकड़ों किलोमीटर दूर काम करने आया, लेकिन जब उसे वापस जाना था तो उसे कुछ नहीं मिला।
काम के लिए जम्मू से मुंबई आए मोहम्मद आरिफ के पिता की तबीयत लॉकडाउन के दौरान खराब हो जाती है। ऐसे में आरिफ अपने पिता के पास जाना चाहता है, लेकिन लॉकडाउन की वजह से उसे कोई वाहन नहीं मिलता और उसके पास सिर्फ 1000 रुपए थे। ऐसे में वो एक साइकिल से मुंबई से जम्मू के राजौरी के लिए चल पड़ता है।
पूरी कहानी आरिफ के सफर पर है, कि कैसे वो इस सफर की शुरुआत करता है, रास्ते में उसे किन मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इस दौरान उसे कई प्रकार की अलग-अलग तरह से मदद भी मिलती है। इस वीडियो में जानें कि आखिर कैसे आरिफ 2000 किलोमीटर से ज्यादा लंबा अपना सफर पूरा कर पाता है। कैसे वो अपनी बीमार पिता से मिल पाता है। ये पूरी कहानी काफी दिलचस्प है।