- गत तीन जून को कानपुर में हुई हिंसा, उपद्रवियों ने पत्थर एवं देसी बम फेंके
- हिंसा की जांच में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का कनेक्शन सामने आया है
- जांच के लिए गठित एसआईटी बुधवार शाम को हिंसा वाली जगह पहुंची
Kanpur violence : गत तीन जून को कानपुर में हुई हिंसा की जांच तेज हो गई है। अब तक की जांच में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के कनेक्शन की बात सामने आई है। मामले की तह तक पहुंचने के लिए स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम (SIT) का गठन भी कर दिया गया है। एसआईटी की टीम बुधवार सुबह हिंसा वाली जगह पहुंची। एसआईटी की टीम घटनास्थल पर तैनात पुलिसकर्मियों एवं परेड चौराहा और यतीम चौराहे के लोगों से पूछताछ करेगी। एसआईटी ने हिंसा वाली जगह से पत्थर एवं सीसीटीवी फुटेज जुटाए हैं। हिंसा वाली जगह की फोटोग्राफी भी हुई है। कानपुर हिंसा मामले में अब तक 54 लोग गिरफ्तार हुए हैं।
PFI के 3 सदस्य गिरफ्तार
अब तक की जांच में कानपुर हिंसा में पीएफआई का कनेक्शन सामने आया है। पुलिस ने शहर में पीएफआई के पांच सदस्यों की पहचान की है। हिंसा में इनकी संलिप्तता की बात कही जा रही है। पुलिस ने इनमें से तीन को गिरफ्तार किया है। एक सदस्य अस्वस्थ और दूसरा फरार है। बताया जा रहा है कि कानपुर में हिंसा की आग भड़काने के लिए पीएफआई ने अपने 5 शोहदों को तैनात किया था। इनमें से तीन को पुलिस ने दबोच लिया है। पीएफआई के जिन तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है उनके नाम सैफुल्ला, मोहम्मद नसीम और मोहम्मद उमर हैं। दिसंबर 2019 में सीएए विरोधी कानपुर में जो हिंसा हुई थी उनमें भी इनके नाम सामने आए थे।
कानपुर हिंसा केस में हुई और गिरफ्तारी, पीएफआई के तीन कार्यकर्ताओं का भी नाम
ऐसे सामने आया PFI कनेक्शन?
पुलिस को हयात के घर से पीएफआई से जुड़ी संस्थाओं के दस्तावेज मिले। तीन जून को ही पीएफआई ने पश्चिम बंगाल, मणिपुर में बंद बुलाया था। इन्हीं बातों को ध्यान में रखकर जब पुलिस ने जांच की तो पीएफआई का कनेक्शन सामने आया। पुलिस कानपुर हिंसा की तह में जाना चाहती है। जांच में जो बातें सामने आ रही हैं उनकी बारीकी से जांच की जा रही है। कानपुर के ज्वाइंट सीपी आनंद प्रकाश तिवारी ने टाइम्स नाउ नवभारत के साथ खास बताचीत में कहा कि जांच के दौरान जो चीजें सामने आ रही हैं उसकी तहकीकात की जा रही है।