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Logtantra में जानिए क्या है Lakhimpur की घटना का सच, हंगामे से पहले क्या हुआ?

Updated Oct 04, 2021 | 19:44 IST

Lakhimpur Kheri News: लखीमपुर खीरी में हिंसा के बाद विपक्ष के कई नेताओं ने घटनास्थल तक जाने की कोशिश की। दिल्ली से प्रियंका गांधी तो फिर लखनऊ से अखिलेश यादव ने जाने की कोशिश की..लेकिन कोई यहां नहीं पहुंंच पाया।

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मुख्य बातें
  • लखीमपुर में हुई हिंसा के बाद शुरू राजनीतिक पर्यटन का दौर
  • नेताओं में लखीमपुर जाने की मची होड़, लेकिन एक भी नहीं हो सका जाने में सफल
  • रविवार को हुई हिंसा में मारे गए थे कुल 9 लोग

लखीमपुर: लखीमपुर खीरी में 8 लोगों की मौत हुई ये तो सभी जानते हैं, लेकिन इस बात का जवाब ठीक ठीक किसी के पास नहीं है कि आखिर हुआ क्या था। टाइम्स नाउ नवभारत रिपोर्टर आदर्श सिंह लखीमपुर के चप्पे चप्पे पर जाकर सच्चाई ढूंढकर निकाली.. देखिए आखिर कैसे हुई ये घटना। लखीमपुर में जो हुआ..उससे पूरा का पूरा उत्तर प्रदेश राजनीतिक अखाड़ा बन गया।  भीड़ में क्या हुआ किसकी वजह से कौन मरा.. कौन गुनहगार है ये अभी तय भी नहीं हुआ और सब के सब नेता लखीमपुर के लिए रवाना हो गए।

लखीमपुर की आग में घी डालने के लिए आधी रात से ही पॉलिटिकल पर्यटन शुरु हो गया। लखीमपुर में आठ लोगों की मौत के मातम के बीच सब को इस आपदा में अवसर नजर आने लगा। जरूरत थी इस आग को बुझाने की लेकिन सियासी पार्टियां इसमें हाथ तापने के लिए बेताब दिख रही हैं। शाम को जैसे ही लखीमपुर खीरी से हिंसा की खबर आई। प्रियंका गांधी फौरन दिल्ली से लखनऊ के लिए रवाना हो गईं और वहां से पुलिस को चकमा देते हुए लखीमपुर का रास्ता पकड़ा।

राजनीतिक पर्यटन!

प्रियंका गांधी के बाद अखिलेश यादव भी लखीमपुर जाने की तैयारी में थे लेकिन उन्हें लखनऊ में रोकने के लिए पुलिस ने पुख्ता इंतजाम किए। उनके घर के बाहर जबरदस्त इंतजाम किए गए। लेकिन वहां पहुंचे समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जबरदस्त हंगामा किया और पुलिस की गाड़ी तक फूंक डाली। आरएलडी अध्यक्ष जयंत चौधरी भी लखीमपुर खीरी जा रहे थे लेकिन उन्हें और उनके समर्थकों को पुलिस ने गढ़मुक्तेश्वर टोल के पास रोका। इस दौरान पुलिस औऱ आरएलडी कार्यकर्ताओं के बीच धक्कामुक्की हुई भी हो गई।

क्या हुआ था लखीमपुर में

किसानों का आरोप है कि वह कृषि कानूनों के खिलाफ और गृह राज्य मंत्री की किसानों के प्रति की गई टिप्पणी से आहत थे। इसके विरोध में उन्होने काले झंडे दिखाकर विरोध प्रदर्शन करना तय किया था। इसलिए वह तिकुनिया कस्बे से थोड़ी दूर विद्युत उपकेंद्र के आगे बैरियर के पास खड़े थे, लेकिन उन्हें सूचना मिली थी कि सांसद के गांव बनवीरपुर जाने के लिए डिप्टी सीएम का मार्ग बदल गया है। इसी दौरान खीरी सांसद अजय मिश्र टेनी के पुत्र आशीष मिश्रा उर्फ मोनू दो गाड़ियों से उसी रास्ते से निकले तो, किसानों ने उनकी गाड़ी को रोककर विरोध करने की कोशिश की। किसानों का आरोप है कि इस बीच सांसद पुत्र के ड्राइवर ने उन पर गाड़ी चढ़ा दी | इसके बाद हुई हिंसा में कुल 9 लोग मारे गए।

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