- मथुरा में कृष्ण जन्मस्थली के 10 वर्ग किमी इलाके को तीर्थस्थल घोषित किया गया, यूपी सरकार का फैसला
- मथुरा नगर निगम के 22 वार्ड तीर्थस्थल क्षेत्र में शामिल
- तीर्थस्थल घोषित इलाके में मटन और शराब की बिक्री पर प्रतिबंध
उत्तर प्रदेश को धार्मिक पर्यटन का वैश्विक केंद्र बनाने के लिए संकल्पित योगी सरकार ने मथुरा-वृंदावन में 10 वर्ग किमी क्षेत्र को तीर्थ स्थल घोषित किया है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ताजा फैसले के मुताबिक भगवान कृष्ण की जन्मस्थली के 10 वर्ग किलोमीटर के दायरे में आने वाले नगर निगम के 22 वार्डों अब तीर्थस्थल होंगे। इस क्षेत्र में मांस-मदिरा की बिक्री प्रतिबंधित होगी।
मांस- मदिरा की बिक्री पर रोक
बता दें कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संतों की इच्छा के अनुरूप मथुरा में मांस और मदिरा की बिक्री पर रोक लगाने का एलान किया था। उन्होंने कहा था कि इससे प्रभावित लोग दूध बेचना शुरू कर सकते हैं। दुग्ध उत्पादन और दूध की बिक्री के क्षेत्र में लोगों को प्रोत्साहित करने की जरूरत है। इसके लिए अफसरों को निर्देश दिए थे।
इन 22 वार्डों का क्षेत्र अब हुआ तीर्थ क्षेत्र
1- घटीबहालराय
2- गोविन्दनगर
3- मंदीरामदास
4- चौबियापाड़ा
5- द्वारिकापुरी
6- नवनीत नगर
7- वनखंडी
8 -भरतपुर गैट
9- अर्जुनपुरा
10- हनुमान टीला
11- जगन्नाथपुरी
12- गऊघाट
13- मनोहरपुरा
14 वैरागपुरा
15- राधानगर
16 - बदरीनगरा
17- महाविद्याकालोनी
18- कृष्णानगर प्रथम
19- कृष्णानगर द्वितीय
20- कोयलागली
21- डैम्पीयरनगर
22- जयसिंह पुरा
क्या कहते हैं जानकार
जानकारों का कहना है कि धार्मिक स्थलों को लेकर यूपी सरकार खासतौर पर सीएम योगी आदित्यनाथ पहले से गंभीर रहे हैं। वो मथुरा जब भी आते रहे हैं तो एक बात कहा करते थे कि अयोध्या और वाराणसी की तर्ज पर मथुरा का विकास हो वो उनकी दिली इच्छा भी रही है। इसके साथ ही मथुरा के संत समाज की भी मांग रही है कि धार्मिक पर्यटन के तौर पर मथुरा उपेक्षा का शिकार रहा है। यूपी सरकार के फैसले को सियासी तौर पर देखें तो 2017 के चुनाव में इस इलाके से बीजेपी को जबरदस्त कामयाबी मिली थी और उस समय भी बीजेपी ने लोगों से वायदा किया था कि कृष्ण जन्मस्थली के विकास में उनकी सरकार कभी पीछे नहीं हटेगी।