लोगतंत्र में बात हुई दिल्ली में यमुना नदी के प्रदूषण की। यमुना नदी में प्रदूषण का स्तर चरम पर पहुंच गया है। इसी बीच छठ का त्योहार आ गया है। श्रद्धालु उसी प्रदूषित पानी में डुबकी लगाने को मजबूर हो गए हैं। प्रदूषित यमुना के लिए कौन जिम्मेदार है? इस अमोनिया से भरी नदी में शरीर कितना शुद्ध होगा इसका अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है। डॉक्टर कुछ भी कह लें लेकिन श्रद्धालुओं के लिए श्रद्धा के आगे साइंस को कहां टिकता है। श्रद्धालुओं का तो कहना है कि पर्व तो हर साल आता है। सरकार की तो कुछ जिम्मेदारी है लेकिन जिम्मेदारी निभाने वाले तो राजनीति कर रहे हैं। आम आदमी पार्टी कह रही है कि दूसरे राज्यों से प्रदूषित पानी आया है। छठ पर्व के दौरान मनोज तिवारी बोट से यमुना का जायजा लेने के लिए निकल पड़े। लेकिन सवाल तो इनसे ये है कि पूरे साल कहां थे? क्या कर रहे थे? जब हर साल यमुना नदी की हालत यही होती है तो प्रदूषण को कम करने के लिए ठोस कदम क्यों नहीं उठाए गए? और विपक्ष में बैठे मनोज तिवारी पहले क्यों नहीं घाट भ्रमण पर निकले।
कितनी प्रदूषित है यमुना?
दिल्ली का 58% सीवेज यमुना में जाता है
दिल्ली का 90% घरेलू सीवेज यमुना में जाता है
यमुना में कितना अमोनिया?
शनिवार - 2.2 ppm
इससे पहले पीक- 3ppm
आमतौर पर लेवल- 2ppm
दिल्ली के प्रदूषण में किसका कितना शेयर?
गाड़ियां- 41%..
फैक्ट्रियां- 19%..
डस्ट- 21%..
पटाखों से कितना प्रदूषण
एक दिन पहले- 320
दिवाली के दिन- 370
दिवाली के बाद- 460
दिल्ली के प्रदूषण में पराली का शेयर
4 नवंबर- 25 %..
5 नवंबर- 35 %..
6-7 नवंबर- 40 %..
प्रदूषण से किस देश में कितनी मौत?
भारत- 23.3 लाख
चीन- 18.7 लाख
नाइजीरिया- 2.79 लाख
पाकिस्तान- 2.23 लाख
बांग्लादेश- 2.07 लाख
यूएस- 1.96 लाख
रूस- 1.18 लाख