'न्यूज की पाठशाला' में कोरोना के 'केरल मॉडल' की क्लास लगी। पाठशाला में सबसे पहले आपके हेल्थ से जुड़ी जरूरी क्लास लगी। सवाल है क्या अकेला केरल पूरे देश पर भारी पड़ेगा? क्या केरल मॉडल देश को ले डूबेगा? क्योंकि 24 अगस्त को कोविड केस देश में 37,593 थे और केरल में 24,296 थे। केरल में कोरोना की ये आज की कहानी नहीं है। ये 5-10 दिन की कहानी नहीं है। ये एक-दो हफ्ते की कहानी नहीं है। तीन महीने से यही चल रहा है। 20 जून को नए केस 11,647 थे, 20 जुलाई को 16,848 थे और 20 अगस्त को 20,224 थे।
कोरोना पर केरल की गलतियां
- ईद पर छूट देना, जबकि यूपी ने कावड़ यात्रा रोक दी थी
- ओणम पर सख्ती के बावजूद भीड़ का बढ़ना
- अनसाइंटिफिक तरीके से लॉकडाउन लगाना और हटाना
- सिर्फ केरल मॉडल के प्रचार पर ही जोर लगाया गया, ग्राउंड पर कमी रह गई
- भीड़ को रोकने में केरल पुलिस नाकाम रही
हाल ही में केंद्र से 6 सदस्यीय टीम केरल गई थी वहां के 8 जिलों में जाकर पड़ताल की थी। सेंट्रल टीम को क्या मिला?
- कंटेनमेंट जोन की मार्किंग सही से नहीं की गई थी
- डेल्टा वैरिएंट की वजह से भी केस बढ़े, 80 से 90 फीसदी केस डेल्टा वैरिएंट के
- केरल में दोबारा से इंफेक्शन होना भी एक बड़ी वजह है
- केरल की एक बड़ी आबादी बुजुर्ग है, इम्यूनिटी कम है
- घर में ही इंफेक्शन फैलने का डर ज्यादा है क्योंकि 80% मरीज होम आइसोलेशन में हैं
तीसरी लहर के खतरे पर रिपोर्ट PMO को भेजी गई थी
National Institute of Disaster Management की रिपोर्ट में क्या बताया गया
- अक्टूबर में तीसरी लहर का पीक आ सकता है
- बच्चों पर खतरे के हिसाब से स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं
- बाल चिकित्सा सुविधाएं और उपकरण जरूरत से बहुत कम
- प्राइमरी हेल्थ सेंटर में बाल चिकित्सा सुविधाएं 82% कम
- वेंटिलेटर, डॉक्टर, एंबुलेंस, सपोर्टिंग स्टाफ की जरूरत
- कोविड वार्ड को रि-स्ट्रक्चर करना होगा, जिससे अटेंडेंट भी रहे
- केरल में R value 1.1 है, इसकी अनदेखी नहीं करनी चाहिए
- वैक्सीनेशन की रफ्तार को और तेज करना होगा
- बच्चों के वैक्सीनेशन के बारे में भी सोचना होगा