- सोमवार को ही पीएम मोदी ने लॉन्च किया आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन
- मिशन का पायलट प्रोजेक्ट देश के छह केंद्र शासित प्रदेशों में चल रहा था
- पीएम ने अमेरिका के 65 घंटे के विदेशी दौरे में की 20 से ज़्यादा मीटिंग
नई दिल्ली: आप भी सोच रहे होंगे कि न्यूज की पाठशाला में आज खास क्या है? यहां आपको एक कार्ड से क्रांति लाने वाली हेल्थ की क्लास मिलेगी जिसमें बताया जाएगा कि कैसे एक नंबर कैसे पूरे हेल्थ सिस्टम को बदल देगा। इसके अलावा इस बात का भी राज खुलेगा कि पीएम मोदी थकते क्यों नहीं। 23 साल के गूगल से अब इंडिया क्या पूछता है, ये भी हम आपको बताएंगे। वहीं दाढ़ी ट्रिम करने पर तालिबान क्या सज़ा देता है? इसकी जानकारी भी हम आपको देंगे।तो शुरु करते हैं आज की पाठशाला और सबसे पहले हेल्थ की क्लास
अमेरिका से लौटते ही पीएम ने लॉन्च किया बड़ा मिशन
अमेरिका से लौटने के 24 घंटे के अंदर ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बडे़ मिशन पर जुट गए। और ये मिशन है- देश में एक डिजिटल हेल्थ सिस्टम तैयार करना। इसके लिए पीएम ने आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन लॉन्च किया है। इस मिशन के तहत हर भारतीय को एक यूनिक हेल्थ आईडी मिलेगी। जिस आईडी के अंदर उसका मेडिकल रिकॉर्ड होगा। आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन का ऐलान पीएम मोदी ने पिछले साल 15 अगस्त को लालकिले से किया था। पिछले एक साल से इसका पायलट प्रोजेक्ट देश के छह केंद्र शासित प्रदेशों में चल रहा था। और इसमें अब तक करीब 1 लाख से ज्यादा यूनिक हेल्थ आईडी बनाई जा चुकी हैं। अब प्रधानमंत्री ने इस मिशन को देश भर में लॉन्च कर दिया है। आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन में आधार कार्ड जैसी हेल्थ आईडी बनाई जाएगी। इसमें 14 अंकों का एक नंबर जेनेरेट होगा।
ऐसे काम करेगा कार्ड
हेल्थ आईडी अभी सबसे लिए अनिवार्य नहीं है। इसे आपके मोबाइल नंबर और आधार नंबर से जोड़कर बनाया जाएगा। और अपनी हेल्थ आईडी आप खुद क्रिएट कर सकते हैं। यूनीक हेल्थ आईडी होने से आपको क्या फायदा होगा। ये समझना बहुत ज़रूरी है।
- आपका पूरा मेडिकल रिकॉर्ड डिजिटल हो जाएगा
- कहीं पर पर्ची, जांच रिपोर्ट ले जाना ज़रूरी नहीं है
- डॉक्टर को दिखाने पर आईडी से हर जानकारी मिलेगी
- पहले की बीमारी, दवा, इलाज के हिसाब से इलाज होगा
- इलाज के लिए जाने पर आप किसी दूसरे के सहारे नहीं होंगे
यानी आपकी हर बीमारी की डिटेल, आपके हर टेस्ट की डिटेल, आपके हर डॉक्टर की जानकारी, आपकी हर दवा की जानकारी। ये सब आपकी यूनिक हेल्थ आईडी में स्टोर रहेगा। वैसे ही जैसे आधार आईडी में होता है। आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के ज़रिए भारत में एक कंप्लीट डिजिटल हेल्थ सिस्टम बनाने की कोशिश हो रही है। जो को-विन की तरह एक मोबाइल एप्लीकेशन के रूप में होगा।
- इसमें यूनीक हेल्थ आईडी से आपका हेल्थ रिकॉर्ड स्टोर होगा
- इसमें डॉक्टर्स, नर्स, क्लीनिक, अस्पताल भी रजिस्टर होंगे
- मेडिकल लैब, मेडिकल स्टोर भी इस सिस्टम से कनेक्ट होंगे
- इसके ज़रिए आप देश में कहीं भी डॉक्टर्स से भी कंसल्ट कर सकेंगे
- हेल्थ आईडी के ज़रिए दूसरी स्वास्थ्य योजनाओं से भी जुड़ सकेंगे
टेक्नोलॉजी की बात हो रही है तो अब पाठशाला में टेक्नोलॉजी की क्लास।
आज का दिन बहुत खास है। गूगल आज अपना 23वां जन्मदिन मना रहा है। गूगल की शुरुआत साल 1998 में हुई थी। कैलिफोर्निया की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के दो स्टूडेंट्स लैरी पेज और सर्गे ब्रिन ने इसकी शुरुआत की थी। एक रिसर्च प्रोजेक्ट के लिए गूगल को बनाया गया था। लैरी पेज और सर्गे ब्रिन ने Google.stanford.edu एड्रेस पर इंटरनेट सर्च इंजन बनाया था। 15 सितंबर 1995 को Google.com डोमेन का रजिस्ट्रेशन हुआ था।गूगल को कंपनी के तौर पर 4 सितंबर 1998 को रजिस्टर किया गया था। 27 सितंबर को गूगल सर्च इंजन पर रिकॉर्ड नंबर पेज सर्च किए गए थेक्योंकि आज गूगल का बर्थडे है। गूगल आज इंफॉरमेशन की लाइफ लाइन बन चुका है। कोई भी सवाल हो, कोई भी जानकारी हो, लोग गूगल के सहारे रहते हैं। क्या आपको पता है कि
- गूगल पर हर सेकेंड 63,000 सर्च query होती हैं। हर दिन गूगल पर 560 करोड़ टॉपिक सर्च होते हैं और हर साल गूगल पर 2 लाख करोड़ सर्च query होती हैं।
- एक गूगल यूज़र हर दिन 3 से 4 टॉपिक सर्च करता है। दुनिया में 92% सर्च गूगल के सर्च इंजन पर होता है और गूगल 149 भाषाओं में काम करता है।
- गूगल की कंपनी Alphabet है। 1 लाख 40 हज़ार करोड़ डॉलर की कंपनी है। अगर इसके मार्केट कैप को जीडीपी मान लें तो ये दुनिया का 17वां बड़ा देश बन जाएगा
- गूगल हर मिनट एक करोड़ रुपये कमाता है। गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई की सैलरी हर दिन साढ़े तीन करोड़ रुपये है
पाठशाला में अब अनुशासन और मैनेजमेंट की क्लास
और इस क्लास में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हार्ड वर्क का चैप्टर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 71 साल के हैं। लेकिन उन्हें 71 साल का नौजवान कहना ही सही होगा। क्योंकि उनके जैसे नॉनस्टॉप काम करने वाले शायद ही दुनिया का कोई नेता हो। क्योंकि आप सोचिए कि 65 घंटे का विदेशी दौरा उन्होंने किया। जिसमें 20 से ज़्यादा मीटिंग की। 16-16 घंटे की उनकी नॉन स्टॉप फ्लाइट रहीं। इसके बावजूद उन्होंने कोई ब्रेक नहीं लिया। आराम करने के लिए कोई छुट्टी नहीं ली। उन्हें कोई जेटलैग उन्हें नहीं हुआ। उन्हें कोई थकान नहीं हुई। फ्लाइट में भी वो फाइलें लेकर काम कर रहे थे। और जब भारत लौटे तो तुरंत काम में जुट गए।
- प्रधानमंत्री मोदी का अमेरिकी दौरा बिल्कुल पैक था...उनके शेड्यूल में आराम के लिए कोई जगह नहीं थी। वो 22 सितंबर को 16 घंटे की नॉन स्टॉप फ्लाइट के साथ दिल्ली से वॉशिंगटन पहुंचे
- फ्लाइट में भी फाइलों का काम निपटने लगे, 2 मीटिंग भी की और - प्लेन से उतरकर उनके चेहरे पर कोई थकावट नहीं थी वो एयरपोर्ट पर इंडियन कम्युनिटी से दिल खोलकर मिले।
- होटल पहुंचते ही 3 मीटिंग की। फिर 23 सितंबर को उन्होंने अमेरिका की 5 कंपनियों के CEO के साथ बैक टू बैक मीटिंग की। फिर वो ऑस्ट्रेलिया के पीएम से मिले, फिर वो जापान के पीएम से मिले और 3 इंटरनल मीटिंग की। अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस से मुलाकात की
- 24 सितंबर को भी उनका शेड्यूल पैक था। वो व्हाइड हाउस गए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से मिले। क्वाड की मीटिंग में हिस्सा लिया। 4 इंटरनल मीटिंग भी निपटाई।फिर बिना रुक वॉशिंगटन से न्यूयॉर्क रवाना हो गए।
- -25 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा में भाषण दिया और उसी दिन रात को दिल्ली के लिए रवाना हो गए। इस दौरान भी उन्होंने फ्लाइट के अंदर 2 मीटिंग की।
पाठशाला में अब अफगानिस्तान की क्लास। और इसमें तालिबान का चैप्टर
तालिबान भले ही बदलने के दावे करता हो। लेकिन उसके तौर तरीके वही पुराने हैं। अफगानिस्तान में तालिबानी फरमान आने शुरू हो गए हैं। तालिबान के मिनिस्ट्री ऑफ इस्लामिक ओरिएंटेशन यानी इस्लाम के दिशा निर्देशों को लागू करने वाले मंत्रालय ने आदेश जारी किया है। आदेश में लिखा है कि पुरुषों की दाढ़ी छोटी करना या काटना इस्लामिक कानूनों के खिलाफ है। अगर किसी सलून ने ऐसा किया तो उसे सख्त सजा दी जाएगी।
हेलमंड प्रांत में सलूनों के बाहर नोटिस चिपकाया कि सभी के लिए शरिया का पालन करना जरूरी है। दाढ़ी छोटी करना और कटवाना गैर शरिया है और सलून के अंदर संगीत बजाने पर भी मनाही है। किसी को शिकायत करने का अधिकार नहीं है।
चलेगा तो सिर्फ शरिया कानून
इस से पहले तालिबान ने काबुल में कई ब्यूटी पार्लर पर लगी महिलाओं की फोटो को काले रंग से ढक दिया था। यानी कब्जा करने के साथ ही तालिबान ने अपनी मंशा जाहिर कर दी थी कि वो शरिया के मुताबिक ही चलेंगे। तालिबान फिर से अपना पुराना रंग दिखाने लगा है...24 साल पुराने और आज के तालिबान में कोई अंतर नहीं है। सजा देने के वही पुराने बर्बर तरीके तालिबान फिर अपना रहा है, जैसे वो साल 1996 से साल 2000 में अपनाता था । साल 1996 में अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति नजीबुल्लाह को तालिबान ने सबके सामने बीच सड़क पर फांसी दी थी। तो 2021 में ही तालिबान वैसी ही बेरहमी दिखा रहा है..तालिबान ने अपहरण की सजा के तौर पर तालिबान ने एक शख्स को फांसी पर लटका दिया।