- पेगासस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई
- अदालत ने कहा कि यह एक गंभीर विषय जिस पर विचार करना जरूरी
- कपिल सिब्बल ने अदालत के सामने कई तर्क रखे
न्यूज की पाठशाला में पॉलिटिकल साइंस की क्लासऔर इसमें पेगासस केस का चैप्टरपेगासस को मुद्दा बनाने वालों की आज सुप्रीम कोर्ट ने क्लास लगा दीसुप्रीम कोर्ट ने आज पेगासस केस के याचिकाकर्ताओं से सवाल पूछ लिएकि उनकी जासूसी हुई, इस आऱोप की जांच के आदेश देने का आधार क्या है?याचिका में अख़बारों की कतरनों के अलावा क्या है?जासूसी का केस 2 साल पहले आया था, अब अचानक ये लोग क्यों आए?अगर किसी की जासूसी हुई हो तो कोई केस क्यों नहीं दर्ज करवाया गयाअगर किसी का फोन हैक हुआ है तो एफआईआर क्यों नहीं करवाई गई?
इज़राइल का NSO सिर्फ सरकारों को पेगासस बेचता है। व्हाट्सऐप से पहले सरकार को हमें ये बताना चाहिए कि
1- पेगासस को सरकार के किस विभाग ने खरीदा?
2- किस कीमत पर खरीदा?
3- कौन इसका ऑपरेशंस देखता है?
4- जासूसी के लिए निर्देश किसने दिए?
5- दूसरे कौन से प्लेटफॉर्म कंप्रोमाइज़ हुए?
2020 में वॉट्सऐप के वकील कपिल सिब्बल ने क्या कहा था कोर्ट में
दिसंबर 2020 में कपिल सिब्बल जब WhatsApp के वकील थे तब कहा कि पेगासस WhatsApp में सेंध नहीं लगा सकता। ये सभी आरोप हैं। इनमें से कोई भी आरोप सही नहीं है। लेकिन कपिल सिब्बल ने आज कोर्ट में कहा'ये टेक्नोलॉजी के ज़रिए निजता पर हमला है। सिर्फ एक फोन की ज़रूरत है। हमारी एक एक गतिविधि पर नज़र रखी जा सकती है। ये राष्ट्रीय इंटरनेट सुरक्षा का भी सवाल है'
कपिल सिब्बल की कोर्ट में दलील
'ये टेक्नोलॉजी के ज़रिए निजता पर हमला है। सिर्फ एक फोन की ज़रूरत है। हमारी एक एक गतिविधि पर नज़र रखी जा सकती है। ये राष्ट्रीय इंटरनेट सुरक्षा का भी सवाल है।
पेगासस केस का रिविजन
- 50 देशों के 50 हजार लोगों की जासूसी का आरोप
- 17 देशों के लोगों के नाम
- अज़रबाइजान, बहरीन, कज़ाकिस्तान, मेक्सिको, मोरोक्को, रवांडा, सउदी अरब, हंग्री, भारत और यूएई
- भारत में 300 लोगों की जासूसी का आऱोप
- एडिटर्स गिल्ड की याचिका में 37 लोगों के नाम
सुप्रीम कोर्ट में कैसे झूठ बोला जा रहा है
एक पिटिशन में कहा गया कि अमेरिका में कैलिफोर्निया की अदालत ने कहा है कि कुछ पत्रकारों और दूसरे लोग जासूसी के टारगेट पर थे। चीफ जस्टिस ने सवाल पूछ लिया कि कोर्ट ऑर्डर में ये बात कहां कही गई। हमें तो नहीं दिखाई दे रही है।इस पर कपिल सिब्बल ने कहा कि ये बात सही है। कोर्ट ऑर्डर में नहीं लगा हैतो चीफ जस्टिस ने कहा कि फिर तो ये बात ही झूठ है
पेगासस केस में सुप्रीम कोर्ट के सवाल
- जासूसी हुई, इसकी जांच का आदेश देने के आधार नहीं?
- याचिका में अख़बरों की कतरनों के अलावा क्या है?
- जासूसी का केस 2 साल पहले आया था, अब क्यों आए?
- किसी की जासूसी हुई तो कोई केस दर्ज क्यों नहीं करवाया?
- किसी का फोन हैक हुआ तो एफआईआर क्यों नहीं करवाई?
पेगासस केस में सुप्रीम कोर्ट में 9 याचिकाएं दाखिल की गई थीं
इसमें पेगासस केस की जांच करने की मांग की गई थी।चीफ जस्टिस ने आज सुनवाई में कहासभी याचिकाकर्ता पढ़े लिखे हैं। अगर इन लोगों को लगता है कि फोन हैक हो गया तो एफआईआर क्यों नहीं करवाई?अख़बार के अलावा दूसरी विश्वसनीय जानकारी निकालकर लाएं। अगर फोन हैक हुआ है तो उसके लिए टेलिग्राफ एक्ट है
अब यहां कई सवाल हैं
सुप्रीम कोर्ट चले गए तो संसद चलने दोअगर इतने सबूत थे तो कोर्ट में दिए क्यों नहींअखबार की कतरन लेकर क्यों कोर्ट गए
इसके लिए सड़क पर प्रदर्शन करने की क्या ज़रूरत है, जब कोरोना काल चल रहा हैआप राहुल गांधी को देख लीजिए वो एक तरफ सरकार के खिलाफ बड़े बड़े आरोप लगाते हैं लेकिन जब बहस में शामिल होने की बात होती है तो कन्नी काटते नजर आते हैं।