- महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार पर संकट
- एकनाथ शिंदे ने 40 विधायकों के साथ होने का किया दावा
- शिवसेना के ज्यादातर बागी विधायक इस समय गुवाहाटी में
महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी सरकार आगे का सफर पूरा कर पाएगी। क्या शिवसेना टूट को बचा पाने में कामयाब होगी। या महाराष्ट्र की राजनीति में बदलाव होगा। ये सब ऐसे सवाल है जो हर किसी के जेहन में हैं। शिवसेना के बागी एकनाथ शिंदे का दावा है कि उनके साथ 40 विधायक हैं। अगर उनके दावे में सच्चाई है को महाविकास अघाड़ी सरकार अल्पमत में आ चुकी है और उद्धव सरकार कुछ दिनों की मेहमान है। इन सबके बीच महाराष्ट्र की राजनीति को करीब से महसूस करने वाले राज्य के पूर्व सीएम नारायण राणे जो कि अब बीजेपी के हिस्सा हैं और केंद्र सरकार में मंत्री हैं उन्होंने खुलकर TIMES NOW नवभारत से कहा कि सरकार बचने वाली नहीं है। चाहे शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के लोग कितनी भी कोशिश क्यों ना कर लें।
महाराष्ट्र में शिवसेना में जारी सियासी घमासान ने राज्य सरकार की स्थिरता को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। शिवसेना के कद्दावर नेता और एक जमाने में बाला साहेब ठाकरे और उद्धव ठाकरे के करीबी रह चुके एकनाथ शिंदे की बगावत ने महाराष्ट्र की गठबंधन सरकार के भविष्य पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। लेकिन शिवसेना के नेता इस बगावत के लिए जिस भाजपा को जिम्मेदार बता रही है वह भाजपा अभी तक इस पूरे मामले में वेट एंड वॉच की रणनीति पर काम कर रही है।
भाजपा के नेता महाराष्ट्र के घटनाक्रम पर गहराई से नजर बनाए हुए हैं। एकनाथ शिंदे के साथ विधायकों की संख्या और उनकी भविष्य की रणनीति, उद्धव ठाकरे की रणनीति, कांग्रेस और खासकर शरद पवार की रणनीति के साथ ही भाजपा की नजर राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी के स्टैंड पर भी बनी हुई है, हालांकि महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी कोरोना पॉजिटिव होने के कारण अस्पताल में एडमिट हो गए हैं।
आईएएनएस से बात करते हुए भाजपा के एक बड़े नेता ने बताया कि, यह पूरा मामला शिवसेना का आंतरिक मामला है। सत्ता के लिए शिवसेना ने हिंदुत्व का रास्ता छोड़कर, जनादेश का अपमान करके और हमें (भाजपा) धोखा देकर कांग्रेस और एनसीपी के साथ गठबंधन कर सरकार बनाया था। उन्होंने कहा कि इस अनैतिक और अस्वाभाविक गठबंधन को तो टूटना ही था। यह उद्धव ठाकरे की नाकामी है कि वो अपनी पार्टी तक को संभाल नहीं पाए।