'ओपिनियन इंडिया का' में बात हुई TIMES NOW नवभारत के उस खुलास की, जिससे यूपी का चुनाव 180 डिग्री घूम गया। 31 मई 1996 की बात है। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के खिलाफ विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव लाया तो अटलजी ने एक मशहूर वाक्य बोला था। उन्होंने कहा था, मैं 40 साल से पार्लियामेंट का सदस्य हूं। सदस्यों ने मेरा बर्ताव देखा, मेरा आचरण देखा लेकिन पार्टी तोड़कर सत्ता के लिए नया गठबंधन कर सत्ता हाथ में आती है तो मैं ऐसी सत्ता को चिमटे से भी छूना पसंद नहीं करुंगा। वो नेता अटलजी थे, और वक्त 96 का था। 25 साल में राजनीति ने ऐसी करवट ली है कि सत्ता के लिए किसी भी पार्टी से गठबंधन और सौदेबाजी अब नया सच है। कोई पार्टी इससे अछूती नहीं। लेकिन, आज टाइम्स नाउ नवभारत ने उत्तर प्रदेश की दो छोटी पार्टियों के दो प्रमुख नेताओं का स्टिंग ऑपरेशन कर उनका चेहरा बेनकाब किया तो सामने आया कि अब राजनीति में खरीदना, बिकना, मारपीट, हत्या सब इतनी सामान्य बात हैं कि नेताओं की जुबां इन्हें बोलते वक्त लड़खड़ाती भी नहीं।
टाइम्स नाउ नवभारत ने ऑपरेशन मुख्यमंत्री के तहत जो खुलासा किया है, स्टिंग ऑपरेशन के जरिए सियासत का जो स्याह सच सामने लाया है, उससे यूपी का इलेक्शन पूरी तरह बदल जाएगा। टाइम्स नाउ नवभारत के खुफिया कैमरे में यूपी की राजनीति के जो दो बड़े चेहरे बेनकाब हुए हैं। उनमें पहले पॉलिटिकल प्लेयर का नाम है डॉ. संजय कुमार निषाद। निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष। संजय निषाद की असल सियासत ये है कि वो पैसे के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं। आग लगा सकता हैं। मर्डर करवा सकते हैं। ये हम नहीं बल्कि छिपे कैमरे पर संजय निषाद ने खुद खुलकर कहा।
हमारे स्टिंग ऑपरेशन में यूपी के जो दूसरे सियासी खिलाड़ी एक्सपोज हुए हैं। उनका नाम है ओमप्रकाश राजभर। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष। राजभर को भी पैसे की प्रचंड भूख है। सामने वोट का मेला है। इसलिए नोटों का थैला तलाश रहे हैं। ओम प्रकाश राजभर खुद मानते हैं कि उनके लिए दो ऑप्शन हैं.. अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी और मायावती की बहुजन समाज पार्टी..इन दोनों में से जो भी पार्टी सरकार बनाने की स्थिति में आएगी, राजभर उसी के साथ जा सकते हैं। लेकिन राजभर इनके बारे में सोचते क्या हैं। वो कहते हैं कि सच तो ये है कि दोनों (SP-BSP) दगे हुए कारतूस हैं। ये दग रहे हैं। आज की तारीख में बीजेपी के खिलाफ माहौल बन गया है। अब उसे भुनाने के लिए अभी हमारी ताकत को लोग पहचान नहीं पाए हैं।
टाइम्स नाउ नवभारत ने ऑपरेशन मुख्यमंत्री के तहत बहुत बड़ा खुलासा किया। संजय निषाद और ओम प्रकाश राजभर की छिपी राजनीति को बेनकाब किया, तो दिल्ली से लेकर लखनऊ तक सियासी गलियारे में भूचाल आ गया। खुलासे के बाद टाइम्स नाउ नवभारत के दो रिपोर्टर्स संजय निषाद के दिल्ली स्थित घर पहुंचे। उनके पास जवाब था नहीं। खुद को कमरे में कैद कर लिया। अंदर से दरवाजा बंद कर लिया। कुछ देर बाद घर के बाहर भी ताला जड़ दिया गया। ताकि हमारे रिपोर्टर्स अंदर ना जा पाएं। जो कुछ संजय निषाद के साथ हुआ, वही ओम प्रकाश राजभर के साथ भी हुआ। जब आपका अपना चैनल टाइम्स नाउ नवभारत संजय निषाद को एक्सपोज कर रहा था, तब ओमप्रकाश राजभर हमारे उस डिबेट में मौजूद थे। बड़ी बड़ी बातें कर रहे थे। लेकिन जब हमने उनका स्टिंग ऑपरेशन दिखाया तो वो बौखला गए। वो अपना होशो-हवाश इसलिए खो बैठे क्योंकि वो हमारा स्टिंग ऑपरेशन देख रहे थे।
ओम प्रकाश राजभर सिर्फ गुस्सा और खीज ही निकाल पाए। क्योंकि हमारे सवालों को जवाब उनके पास नहीं था। प्रश्न का उत्तर नहीं था, इसलिए उन्होंने अपनी गाड़ी की स्पीड बढ़ा दी और भाग खड़े हुए। फिलहाल टाइम्स नाउ नवभारत के खुलासे के बाद जहां संजय निषाद और ओमप्रकाश राजभर के माथे पर पसीना है। वहीं यूपी की सियासत में खलबली मची हुई। इसका रुझान आ चुका है...लेकिन असली नतीजा आना बाकी है।
ऑपरेशन मुख्यमंत्री आज दिन भर सुर्खियां बटोरता रहा। राजनीतिक हलके में इस पर चर्चा होती रही तो सोशल मीडिया पर ऑपरेशन मुख्यमंत्री नंबर दो पर ट्रेंड करता रहा। लोगों की दिलचस्प प्रतिक्रियाएं लगातार आई। किसी ने कहा कि छोटे दल सिर्फ सौदेबादी के लिए ही राजनीति करते हैं तो किसी ने लिखा कि ऐसे खुलासे से राजनीति की सफाई होगी। अगल पांच-छह महीने में यूपी में चुनाव होने हैं और इस लिहाज से इस स्टिंग का अपना महत्व कुछ ज्यादा था।
क्या राजनीति में नैतिकता और शुचिता की बात करना गुनाह है? क्या अब ईमानदारी से राजनीति नहीं हो सकती? क्या शातिर अपराधी और षणयंत्रकारी प्रवृति के लोग ही राजनीति में सफल हो सकते हैं? ये वो तमाम सवाल हैं, जिनके जवाब शायद राजनेताओं को नहीं बल्कि हमें और आपको ही देने हैं। ऑपरेशन मुख्यमंत्री बेईमान राजनेताओं के चेहरे से नकाब उतारने की एक छोटी कोशिश थी, लेकिन ऐसी कोशिश अंजाम तक तब पहुंचेगी, जब मतदाता जाति-धर्म और छिटपुट स्वार्थ से आगे की बात सोचकर ऐसे भ्रष्ट राजनेताओं को लगातार हराकर राजनीति से बाहर का रास्ता दिखाएंगे।