ओपिनियन इंडिया में बात हुई लोगों के बीच सबसे पॉपुलर ऑनलाइन मैसेजिंग प्लेटफॉर्म व्हाट्सएप की। पूरी दुनिया में WhatsApp के 2 अरब से ज्यादा यूजर्स हैं। भारत में व्हाट्सएप के यूजर्स की संख्या 45 करोड़ पहुंच रही है। हर मिनट भारत में औसतन 40 लाख ज्यादा लोग व्हाट्सएप का इस्तेमाल करते हैं। फेसबुक के स्वामित्व वाले इंस्टैंट मैसेजिंग प्लेटफॉर्म ने ये कई बार कहा है कि व्हाट्सऐप पर होने वाली सभी चैट सुरक्षित हैं और उसे किसी भी थर्ड पार्टी का एक्सेस नहीं हो सकता है। लेकिन ये दावा और भरोसा टूटता दिख रहा है। दिल्ली पुलिस की साइबर क्राइम यूनिट ने हैकर के एक ऐसे गैंग का पर्दाफाश किया जो व्हाट्सऐप के किले में सेंध लगाने में कामयाब रहा है। ये खबर व्हाट्सऐप इस्तेमाल करने वाले हर इंसान के बहुत जरूरी है।
ऑनलाइन मैसेजिंग प्लेटफॉर्म व्हाट्सएप पर गोते लगाते वक्त क्या कभी सोचा कि आपकी एक छोटी गलती कितनी भारी पड़ सकती है। सुरक्षित माने जाने वाले व्हाट्सएप भी हैक हो सकता है। ऑनलाइन फ्रॉड करने वाले शातिर गैंग ने अब व्हाट्सएप के एंड टू एंड एनक्रिप्शन की काट निकाल ली है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की साइबर यूनिट ने व्हाट्सएप हैक कर पैसा ठगने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया। एक नाइजीरियन नागरिक को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस का दावा है कि इसकी गिरफ्तारी से व्हाट्सएप हैकिंग का बड़ा सिंडिकेट बेनकाब हुआ है।
इस तरह से की जाती है ठगी
सवाल उठता है कि गिरोह व्हाट्सएप को हैक करता कैसे था। साइबर सेल के मुताबिक गैंग बड़े ही शातिर तरीके से खेल को अंजाम दे रहा था। पुलिस की पूछताछ के दौरान आरोपी ने बताया कि वो रैंडम यानी किसी को भी व्हाट्सएप पर लिंक भेजते थे। प्रोफाइल फोटो ज्यादातर किसी लड़की की होती थी, संदेश ऐसा होता था जैसे कोई बिजनेस प्रमोशन लगे। इसके साथ एक लिंक भी शेयर किया जाता था। झांसे में फंसा व्यक्ति जैसे ही इस लिंक को ओपन करता वैसे ही इसकी मुश्किलें शुरू हो जाती। उसका मोबाइल हैक हो जाता और कंट्रोल हैकर के पास आ जाता। असली खेल तो इसके बाद का था। हैकर तुरंत शिकार के दोस्तों के कॉन्टैक्ट लिस्ट को कॉपी कर उनके पास मदद का मैसेज भेज देता था। हैकर शिकार के दोस्तों से पैसा मांगता, अपना अकाउंट नंबर शेयर कर पैसे ट्रांसफर करने को कहता। दोस्तों से चैट करके समझाता कि उसे पैसे की बहुत जरूरत है मदद चाहिए। लोगों को लगता दोस्त या परिवार के किसी सदस्य को पैसे की जरूरत है- लेकिन असल में चैट हैकर कर रहा होता।
दिल्ली की साइबर क्राइम यूनिट को ऐसी ही ठगी की एक शिकायत मिली थी, जिसके बाद पुलिस ने जाल बिछाकर आरोपी को दबोच लिया। पुलिस ने आरोपी के पास से सर्वर बेस एक लैपटॉप और 15 मोबाइल फोन बरामद किया है। मामला भले ही ऑनलाइन ठगी का लगे, लेकिन ये खतरा बहुत बड़ा है क्योंकि व्हाट्सएप का इस्तेमाल सिर्फ पढ़े लिखे ही नहीं बल्कि ऑनलाइन के खतरों से बेपरवाह बड़ी आबादी भी करती है। इस आबादी के लिए इंटरनेट की दुनिया सिर्फ इंटरटेंमेंट का साधन मात्र है। एक जरिया है और ऐसे लोग करोड़ों में हैं।
आखिर ऑनलाइन फ्रॉड से बचें कैसे
- मैसेज के जरिए भेजी जाने वाली प्रमोशनल लिंक पर क्लिक करने से बचें।
- संदेह वाले मैसेज, कॉल, और मेल को इग्नोर करें।
- एटीएम पिन नंबर और सीवीसी नंबर किसी से साझा न करें।
- किसी के साथ किसी भी तरह का ओटीपी साझा न करें।
- किसी भी अनजान आदमी को अपना डेट ऑफ बर्थ न बताएं।
- सोशल मीडिया पर अपनी गुप्त जानकारी और दस्तावेज साझा न करें।
- सोशल मीडिया पर अनजान लोगों की फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट न करें।
- किसी तरह का संदेह होने पर इसकी तुरंत शिकायत करें।
- कोई सामान सस्ते में खरीदने के लिए लिंक पर क्लिक न करें, बल्कि ऑफिशियल साइट पर जाएं।
- किसी से लास्ट ट्रांजेक्शन की जानकारी साझा न करें।
- अधिकतर फ्रॉड फर्जी कस्टमर केयर और सोशल मीडिया फ्रेंड बनकर आपके साथ फ्रॉड करते हैं
- सावधान रहें...सही जानकारी रखें क्योंकि लापरवाही भारी पड़ सकती है...