- हर साल की तरह इस बार भी जवानों के साथ दिवाली मनाने के लिए सरहद पर पहुंचे पीएम मोदी
- राजौरी में नौशेरा सेक्टर में जवानों को संबोधित किया, अपने हाथों से सैनिकों को मिठाई खिलाई
- सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान नौशेरा ब्रिगेड की भूमिका की प्रधानमंत्री मोदी ने सराहना की
जम्मू : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को अपनी दिवाली सेना के जवानों के साथ मनाई। राजौरी के नौशेरा सेक्टर पहुंचे प्रधानमंत्री ने जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि सीमा पर सैनिकों चौकसी की वजह से ही देश में लोग शांति पूर्वक सो पाते हैं और अपने त्योहारों को मनाते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि 'सर्जिकल स्ट्राइक' के बाद जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद फैलाने की लगातार कोशिशे हुई हैं जिनका सुरक्षाबलों ने मुंहतोड़ जवाब दिया है। इस मौके पर पीएम ने नौशेरा ब्रिगेड के शौर्य, पराक्रम और वीरता को याद किया।
'आप मां भारती के सुरक्षा कवच हैं'
पीएम ने कहा, 'हमारे सैनिक 'मां भारती' के 'सुरक्षा कवच' हैं। यह आपकी वजह से है कि देश के लोग शांतिपूर्वक सो पाते हैं। त्योहारों के समय खुशहाली की वजह भी आप हैं।' उन्होंने कहा, 'मैं यह दिवाली अपने परिवार के साथ मनाना चाहता था, इसलिए मैं यहां आया। मैं अपनी प्रत्येक दिवाली सीमा की सुरक्षा में तैनात जवानों के साथ मनाते आया हूं। आज मैं यहां अकेले नहीं बल्कि 130 करोड़ भारतीयों का आशीर्वाद लेकर आया हूं।'
नौशेरा ब्रिगेड की तारीफ की
'सर्जिकल स्ट्राइक' के दौरान नौशेरा ब्रिगेड ने जो भूमिका निभाई, प्रधानमंत्री मोदी ने उसकी तारीफ की। उन्होंने कहा, 'सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान नौशेरा ब्रिगेड की जो भूमिका रही, उस पर देश गर्व करता है।' बता दें कि जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में सेना के कैंप पर हुए हमले के बाद 29 सितंबर 2016 को भारतीय सेना ने नियंत्रण रेखा पर स्थित आतंकवादी ट्रेनिंग शिविरों पर सर्जिकल स्ट्राइक किया।
भारत को अपनी सैन्य क्षमता विकसित करनी होगी-पीएम
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को बदलती दुनिया और युद्ध के बदलते तरीकों के अनुरूप अपनी सैन्य क्षमताएं विकसित करनी होंगी। उन्होंने कहा कि लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक और जैसलमेर से लेकर अंडमान-निकोबार तक देशभर के सीमावर्ती इलाकों में संचार सुविधाओं में सुधार किया गया है। मोदी ने कहा कि जिन सीमावर्ती एवं तटीय क्षेत्रों में संपर्क एवं संचार की सामान्य सुविधाएं नहीं थीं, वहां अब सड़कें एवं ऑप्टिकल फाइबर हैं तथा इससे सेना की तैनाती की क्षमता और जवानों के लिए सुविधाएं बढ़ती हैं। उन्होंने कहा कि पहले देश को रक्षा क्षेत्र में मुख्तय: आयात पर निर्भर रहना पड़ता था, लेकिन उनकी सरकार की कोशिशों के कारण स्वदेशी क्षमताओं को बढ़ावा मिला है।