लाइव टीवी

मोदी का 'M-स्ट्रोक',  BJP को मिलेगा 'पसमांदा मुसलमान का प्यार'?

Updated Jul 16, 2022 | 23:25 IST

प्रधानमंत्री मोदी ने मिशन 2024 के लिए नया प्लान तैयार किया। इसके जरिए बीजेपी ने 80% मुसलमानों के वोटबैंक का फॉर्मूला सेट किया है। क्या है ये फॉर्मूला? और कैसे ये प्लान पॉलिटिक्स का गेमचेंजर साबित होगा।

Loading ...

पिछले कुछ वर्षों में देश में एक नैरेटिव सेट करने की कोशिश हुई है। हिंदू-मुसलमान के बीच नफरत की दीवार बड़ी की गई है। हिंदू-मुस्लिम को लेकर एजेंडा चलाने वालों ने इसमें खूब खाद-पानी दिया लेकिन आज हम एक ऐसी SUPER EXCLUSIVE रिपोर्ट लेकर आए हैं। जिसमें इस तरह के तमाम प्रोपैंगेंडा को ध्वस्त करने के प्रमाण हैं। मुसलमानों के बीजेपी से लगाव के सबूत हैं और ये सब मोदी सरकार के प्रयास के परिणाम हैं और अब प्रधानमंत्री मोदी ने इसके लिए नया प्लान तैयार किया। इसके जरिए बीजेपी ने 80% मुसलमानों के वोटबैंक का फॉर्मूला सेट किया है। क्या है ये फॉर्मूला? और कैसे ये प्लान होगा पॉलिटिक्स का गेमचेंजर, देखिए हमारी ये  SUPER EXCLUSIVE रिपोर्ट। 

यूपी की कुल आबादी में पसमांदा मुस्लिम 18% हैं। ऐसे में साफ है कि स्नेह यात्रा के जरिए BJP न सिर्फ 80 लोकसभा वाले UP बल्कि बिहार, बंगाल, झारखंड जैसे राज्यों में भी राजनीति साधने की कोशिश कर रही है। अब हम आपको बताते हैं कि देश के 5 ऐसे राज्य हैं जहां पसमांदा मुस्लिमों की संख्या ज्यादा है। इनमें-- 

यूपी में 19.26%
 बिहार में 16.87%
 बंगाल में 27.01%
 झारखंड में 14.53% 
और असम में 34.22% मुस्लिम हैं। 

इनमें ज्यादातर संख्या पसमांदा मुस्लिमों की है और इन राज्यों में 190 से ज्यादा लोकसभा की सीटें हैं। इसलिए बीजेपी 2024 को ध्यान में रखते हुए यहां पसमांदा को साधने में लगी है।

कहा तो यहां तक जा रहा है कि मोदी की अपील से मुस्लिम राजनीति का खेल बदल सकता है। मुस्लिम पॉलिटिक्स के खिलाड़ियों का पूरा गेम खराब हो सकता है। TIMES NOW नवभारत ने इन कयासों की सच्चाई जानने यूपी से लेकर असम तक की जानकारी जुटाई तो रिजल्ट ये दिख रहा है कि वाकई इसका असर दिखना शुरू हो गया है। आपने अभी यूपी के मुसलमानों को सुना। मुस्लिम स्कॉलर्स को भी सुना। इक्के दुक्के लोग ही ऐसे हैं जो विकास के फॉर्मूले वाली सरकार के साथ नहीं दिख रहे हैं।

असम में भी पिछले दिनों हिमंत राव बिस्वा सरकार ने 5 मुस्लिम समुदाय गोरिया, मोरिया, जुला, देशी और सैयद को स्वदेशी मुसलमान का दर्जा दे दिया। बिस्वा सरकार के मुताबिक लगभग 35 लाख आबादी को इससे फायदा मिलेगा। उनके स्वास्थ्य, शिक्षा, इकोनॉमी, कौशल विकास और महिला सशक्तिकरण में सुधार होगा। उनकी सांस्कृतिक पहचान भी सुरक्षित होगी।
 

Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।