- सदन नहीं चलने देने के विपक्ष के आरोपों को सरकार के मंत्रियों ने दिया जवाब
- प्रह्लाद पटेल, अनुराग ठाकुर, पीयूष गोयल ने विपक्ष के आचरण पर उठाए सवाल
- महिला मार्शल के साथ बदसलूकी का मामला भी केंद्रीय मंत्रियों ने उठाया
नई दिल्ली : संसद के मानसून सत्र में बात नहीं सुनने और लोकतांत्रिक मूल्यों का हनन करने के विपक्ष के आरोपों का सरकार के 7 मंत्रियों ने सिलसिलेवार तरीके से जवाब दिया है। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी सहित अनुराग ठाकुर, पीयूष गोयल सहित केंद्रीय मंत्रियों ने गुरुवार को विपक्ष के आचरण पर सवाल उठाए। केंद्रीय मंत्रियों ने कहा कि विपक्ष ने अपने आचरण से सदन की गरिमा तार-तार किया। इसके लिए उसे देश से माफी मांगनी चाहिए। जोशी ने कहा कि विपक्ष पहले दिन से ही यह तय कर चुका था कि मानसून सत्र को चलने नहीं देना है। केंद्रीय मंत्रियों ने राज्यसभा में हुए हंगामे एवं महिला मार्शल के साथ हुई बदसलूकी की घटना का भी जिक्र किया।
कांग्रेस-टीएमसी ने पूरे सत्र को वाशआउट कर दिया-प्रह्लाद पटेल
संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद पटेल ने कहा कि मानसून सत्र के पहले दिन से ही विपक्ष हंगामा करने लगा। उसने सदन को चलने नहीं दिया। टीएमसी और कांग्रेस ने पूरे सत्र का वाशआउट कर दिया। उनका यही इरादा था। हमारे वरिष्ठ मंत्री, पीयूष गोयल ने विपक्ष के साथ कई बार बात की। हमने विपक्ष से निवेदन किया कि वह नए मंत्रियों का परिचय कराने की अनुमति दे लेकिन वह इसके लिए भी राजी नहीं हुआ। कांग्रेस और विपक्ष ने पहले से ही मन बना लिया था कि मानसून सत्र को चलने नहीं देना है। चार अगस्त को सदस्यों ने शीशा तोड़कर अंदर आने की कोशिश की। एक महिला सांसद को चोटें आईं। महिला सांसद ने इस बारे में कार्रवाई की शिकायत की है।
पटेल ने कहा, 'हमें धमकी दी गई कि इंश्योरेंस विधेयक और ओबीसी बिल पारित कराने की सरकार ने अगर कोशिश की तो उसे मंगलवार से भी बड़ा हंगामा देखने को मिलेगा।'
देश से माफी मांगे विपक्ष-अनुराग ठाकुर
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, 'विपक्ष ने नए मंत्रियों को परिचय कराने नहीं दिया। मंत्री बयान दे रहे थे तो उनके हाथ से कागज छीनकर फाड़ दिया। टेबल क्या नाचने के लिए होता है। लोग इंतजार करते हैं कि संसद में उनके मुद्दों पर चर्चा होगी लेकिन विपक्ष ने तय कर लिया था कि सदन में उसे अराजकता फैलानी है। विपक्ष को लोगों, टैक्सपेयर्स के पैसे की चिंता नहीं है। घड़ियाली आंसू बहाने की जगह विपक्ष को देश से माफी मांगनी चाहिए।'
विपद के व्यवाहर से सदन की गरिमा टूटी-पीयूष गोयल
पीयूष गोयल ने कहा, 'दोनों सदनों को चलने नहीं दिया गया। खासकर राज्यसभा में विपक्ष के व्यवहार से पूरे सदन की गरिमा टूटी है। चेयरमैन पर बेबुनियाद आरोप लगाकर उन्हें भी आहत किया। मोबाइल फोन से शीशा तोड़कर चैंबर के अंदर आने की घटना घोर निंदनीय है। विपक्ष ने धमकी देते हुए कहा कि सरकार ने विधेयक लाने की अगर कोशिश की तो 9 अगस्त से बड़ी घटना होगी। उस दिन तो ट्रेलर था।'