- गुजरात को हजारों करोड़ की परियोजनाएं
- आदिवासी क्षेत्र के विकास पर खास ध्यान
- आदिवासी क्षेत्रों के विकास पर नहीं दिया गया ध्यान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को विपक्षी कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि जो लोग लंबे समय तक देश की सत्ता में रहे, उन्होंने कभी आदिवासी इलाकों के विकास में रुचि नहीं दिखाई क्योंकि इसके लिए कठिन परिश्रम की जरूरत होती है।मोदी ने कहा कि उन्होंने विकास कार्यों की शुरुआत वोट हासिल करने या चुनाव जीतने के लिए नहीं की है, बल्कि वह लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार चाहते हैं।बीते 8 वर्षों में सबका साथ, सबका विकास के मंत्र पर चलते हुए हमारी सरकार ने गरीब को मूलभूत सुविधाएं देने पर, गरीब के कल्याण पर सबसे ज्यादा जोर दिया है।गुजरात का गौरव बीते 2 दशकों में हुआ तेज़ विकास है, सबका विकास है और इस विकास से पैदा हुई नई आकांक्षा है। इसी गौरवशाली परंपरा को डबल इंजन की सरकार ईमानदारी से आगे बढ़ा रही है।
आदिवासी इलाकों का विकास जरूरी
जहां आदिवासी रहते हैं, उन वन क्षेत्रों तक टीकाकरण जैसे अभियानों के पहुंचने में पहले महीनों लग जाते थे, लेकिन अब उन्हें शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ ही वहां भी चलाया जाता है।जिन्होंने लंबे समय तक देश पर शासन किया, उन्होंने कभी भी आदिवासी क्षेत्रों के विकास में रुचि नहीं दिखाई, क्योंकि इसके लिए कड़ी मेहनत की जरूरत होती है। नवसारी जिले के अदिवासी बहुत इलाके खुदवेल में 3,050 करोड़ रुपये की परियोजनाओं के उद्घाटन और शिलान्यास कार्यक्रम के बाद ‘गुजरात गौरव अभियान रैली’ को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘जिन्होंने लंबे समय तक देश पर शासन किया, उन्होंने कभी आदिवासी इलाकों के विकास में रुचि नहीं ली क्योंकि इसके लिए कठिन परिश्रम की जरूरत होती है।
अब कार्यपद्धति में बड़ा बदलाव
उन्होंने कहा कि पहले टीकाकरण जैसे अभियानों के वन क्षेत्रों में जहां आदिवासी रहते हैं, पहुंचने में महीनों लग जाते थे। लेकिन अब उनके इलाकों में भी शहरी इलाकों के साथ-साथ ये लागू होते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने रैली में मौजूद लोगों से पूछा कि क्या उन्हें कोरोना वायरस से बचाव के लिए टीके की खुराक मुफ्त में मिली है या नहीं? इस पर लोगों ने ‘हां’ में जवाब दिया।मोदी ने कहा कि गत दो दशक में गुजरात का तेजी से हुआ विकास राज्य के लिए गर्व की बात है।