'राष्ट्रवाद...देश से बढ़कर कुछ नहीं' में बात हुई कलकत्ता हाई कोर्ट के उस फैसले की जिसके बाद बंगाल की सियासत में हलचल तेज हो गई है। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा को लेकर आज कलकत्ता हाई कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। कोर्ट ने हिंसा की जांच सीबीआई और एसआईटी से कराने का आदेश दिया है। कोर्ट के इस फैसले से ममता बनर्जी को करारा झटका लगा है। सीबीआई और एसआईटी को 6 सप्ताह के भीतर रिपोर्ट सौंपनी होगी। 4 अक्टूबर को मामले की अगली सुनवाई होगी।
कोर्ट के इस फैसले के बाद टीएमसी तिलमिला गई है। टीएमसी फैसले से नाराजगी जता रही है तो कांग्रेस टीएमसी को फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने की सलाह दे रही है। वहीं दूसरी तरफ बीजेपी फैसले को ऐतिहासिक बता रही है और कह रही है कि इस फैसले से बंगाल में तानाशाही खत्म होगी।
अगर जांच में ममता बनर्जी दोषी पायी गई तो फिर ये उनके लिए बड़ा झटका होगा। ममता बनर्जी बंगाल में चुनाव जीतने के बाद अब दिल्ली पर नजर गढ़ाए हुए है। ममता की नजर दिल्ली की गद्दी पर है। अगर ममता दोषी हो गई तो उनके करियर पर बड़ा दाग लग जाएगा और 2024 का सपना चकनाचूर हो सकता है। वहीं फैसला ममता के खिलाफ आता है तो बीजेपी उसे आने वाले पांच विधानसभा चुनावों में भुनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी।
ऐसे में सवाल हैं
- हिंसा की CBI जांच, कहां-कहां तक आंच?
- कोर्ट के फैसले से बढ़ी ममता की मुश्किल?
- फैसले के खिलाफ SC जाएंगीं ममता?
- बंगाल में अब किसका 'खेला' होबे?
- फैसले का असर 2022 के चुनाव पर पड़ेगा?
क्या है बंगाल हिंसा का मामला
- 2 मई को विधान सभा नतीजों के बाद बंगाल में हिंसा हुई
- बीजेपी समर्थकों के साथ मारपीट और हत्या की घटनाएं हुईं
- बंगाल में बीजेपी समर्थक महिलाओं से रेप के आरोप लगे
- सरकारी संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचाया गया
- टीएमसी पर हत्या और हिंसा करवाने के आरोप लगे
- कलकत्ता हाई कोर्ट से हिंसा की जांच की मांग की गई
- कलकत्ता हाई कोर्ट ने हिंसा की जांच NHRC से करवाई
- NHRC की रिपोर्ट में ममता सरकार को दोषी माना गया
- NHRC ने कहा, बंगाल में कानून का राज नहीं है
- NHRC ने बंगाल हिंसा की जांच CBI से कराने की सिफारिश की
- मामलों की सुनवाई भी राज्य से बाहर करवाने की सिफारिश की
- बंगाल सरकार ने NHRC के फैसले को पक्षपात पूर्ण बताया
रिपोर्ट में NHRC ने क्या कहा
- बंगाल में कानून का नहीं शासक का राज है
- बंगाल में हिंसा, रेप के मामलों की CBI जांच हो
- सभी मामलों की सुनवाई बंगाल से बाहर की जाए
- सुनवाई के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट भी बनाए जाएं
- जांच की निगरानी हाई कोर्ट की मॉनिटरिंग कमेटी करे
- 123 राजनेताओं को गुंडों की तरह पहचान की
- हिंसा में कई TMC नेताओं के नाम शामिल हैं
- चुनावी हिंसा में 9304 आरोपियों के खिलाफ FIR
- सिर्फ 14% आरोपियों की पुलिस ने गिरफ्तारी की
- गिरफ्तार आरोपियों में 80% को तुरंत जमानत मिल गई
- हिंसा के 3% से कम आरोपी अभी जेल में हैं