'राष्ट्रवाद...देश के बढ़कर कुछ नहीं' में बात हुई तालिबान की। अफगानिस्तान में अब तालिबान की सरकार है। आज एक सितंबर है और तालिबान ने काबुल टेकओवर कर लिया है। शब्द पर ध्यान दीजिएगा काबुल टेकओवर हुआ है पूरा अफगानिस्तान नहीं क्योंकि पंजशीर से जो विजुअल आ रहे हैं वो तालिबान के लिए सिरदर्दी वाले हैं। खबर है कि पंजशीर में कल देर शाम से ही तालिबान वर्सेस पंजशीर के लड़ाकों के बीच घमासान छिड़ा हुआ है। इसमें 350 से ज्यादा तालिबानियों के मारे जाने की खबर है। 40 तालिबानी को पंजशीर में बंधक बना लिए जाने की खबर है।
एक तरफ काबुल में तालिबान जश्न मना रहा है लेकिन उसी काबुल से 100 किमी दूर पंजशीर की घाटी में तीसरी बार उन्हें मुंह की खानी पड़ी है। इस बीच आतंकी संगठन अलकायदा ने तालिबान को बधाई संदेश भेजा है और कश्मीर पहुंचने का न्यौता दिया है। इसके साथ ही हक्कानी नेटवर्क के संस्थापक जलालुद्दीन हक्कानी का सबसे छोटा बेटा अनस हक्कानी है। इसकी तस्वीर सामने आई है। हक्कानी का पूरा परिवार आतंकवाद का जनक रहा है। हक्कानी नेटवर्क के नाम से दुनिया भर में कुख्यात हक्कानी पर अमेरिका ने करीब 100 करोड़ का इनाम रख रखा है। लेकिन हक्कानी काबुल में खुलेआम टहल रहा है। तस्वीरें बगराम जेल की है। इसी जेल में अनस हक्कानी पांच साल से बंद था। आज उसी जेल को विजिट करने गया था।
खबर है कि काबुल में पढ़ी-लिखी लड़कियों को तालिबान खोज रहा है। जानते हैं क्यों..क्योंकि उन्हें उनके साथ रेप करना है। बोलते हुए भी रोंगटे खड़े हो जाते हैं। लेकिन अमीरात और शरिया के नाम पर आतंक का कैसा गंदा खेल चल रहा है, उसे बताना भी जरूरी है। और अब इस खेल में कश्मीर को शामिल करने की बात वो आतंकी संगठन कर रहे हैं जो खुद को इस्लाम का झंडाबरदार बता रहे हैं।
अब राष्ट्रवाद में सवाल है कि
तालिबान के साथ पहले जैश और लश्कर...अब अलकायदा आया खुलकर?
आतंकियों का आह्वान..कश्मीर आएगा तालिबान..चुप क्यों हैं कश्मीरी हुक्मरान?
आज से तालिबान सरकार..दुनिया क्यों करे इनका सत्कार?