- यूपी चुनाव से पहले आयकर विभाग की छापेमारी से BJP-SP में खुली जंग
- सुगंध के धंधे में 'काली कमाई' की दुर्गंध ? नेताओं के बीच तेज हुई बयानबाजी
- छापेमारी पर बीजेपी-SP ने लगाया अपना-अपना चुनावी दांव
नई दिल्ली: एक तरफ एजेंसियां काले कुबेर को खंगालने में लगी हुई है तो दूसरी तरफ छापेमारी पर बीजेपी और समाजवादी पार्टी में चुनावी जंग हो रही है। आज समाजवादी पार्टी के एमएलसी पम्पी जैन के ठिकानों पर छापेमारी की गई ...पम्पी जैन के अलावा इत्र कारोबारी मोहम्मद याकूब, मलिक मियां और अनिल जैन के ठिकानों पर छापे पड़े। कन्नौज से लेकर दिल्ली- मुंबई तक 50 ठिकानों पर ये छापेमारी की जा रही है।
बीजेपी का आरोप
बीजेपी समाजवादी पार्टी पर काले कुबेर के करीबी होने का आरोप लगा रही है तो समाजवादी पार्टी कह रही है कि बीजेपी ने गलती से अपने ही करीबी पर छापा मार दिया और अब समाजवादी पार्टी के एमएलसी पर छापा बीजेपी अपनी खींच उतारने के लिए कर रही है। इतना ही नहीं अखिलेश ने कहा कि बीजेपी ने हार के डर से एजेंसियों से गठबंधन कर लिया है। पम्पी जैन के ठिकानों पर छापेमारी ठीक उस वक्त से पहले हुई जब वो अखिलेश के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले थे। अखिलेश ने बीजेपी पर हमला बोला तो योगी आदित्यनाथ ने पलटवार किया। अखिलेश के आरोपों का जवाब केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने दिया और कहा कि ऐसी गलतफैमी फैलाई जा रही है ...सवाल किया कि छापेमारी करके खाली हाथ लौटी क्या एजेंसियां।
चंद दिन पहले पहले पीयूष जैन के घर पर हुई थी छापेमारी
चंद दिन पहले इत्र कारोबारी पीयूष जैन के ठिकानों से करोड़ों रुपये की काली कमाई बरामद हुई थी। पीयूष से पूछताछ में पम्पी का नाम आया जिसके बाद DGGI ने IT को जानकारी दी...IT ने लोकल पुलिस से सहयोग मांगा....और आज पम्पी जैन के ठिकानों पर छापेमारी की गई ..पम्पी जैन के अलावा चार और इत्र कारोबारियों पर छापा पड़ा है। बीजेपी के सभी बड़े नेता पीयूष जैन पर हुई छापेमारी को लेकर अखिलेश को पहले ही निशाने पर ले चुके हैं। कुल मिलाकर इस छापेमारी ने चुनावी मौसम में एजेंडा बदल दिया है ...ऐसे में सवाल है।