- लालू प्रसाद यादव का कथित ऑडियो हुआ वायरल
- ऑडियो में सरकार गिराने के लिए लालू बीजेपी विधायक को दे रहे हैं प्रलोभन
- इससे पहले सुशील मोदी ने भी लगाए थे लालू पर इसी तरह के आरोप
पटना: आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का एक कथित ऑडियो वायरल हो रहा है जिसमें वो सरकार गिराने के लिए बीजेपी विधायक को प्रलोभन दे रहे हैं। इससे पहले राज्य के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने भी लालू प्रसाद यादव पर इसी तरह का आरोप लगाया था। वायरल हो रहे इस ऑडियो में लालू प्रसाद यादव का पीए बीजेपी विधायक ललन पासवान को फोन लगाते हैं जहां पासवान के पीए फोन पिक करते हैं। वो पासवान से बात करने की बात करते हैं। इसके बाद विधायक पासवान लाइन पर आते हैं और कथित लालू प्रसाद यादव से बात करते हैं। हालांकि टाइम्स नाउ वायरल हो रहे इस ऑडियो की पुष्टि नहीं करता है।
क्या है ऑडियो टेप में
बीजेपी के पीरपैंती सीट से विधायक ललन पासवान से बात करते हुए कथित लालू प्रसाद यादव कहते हैं, 'पासवान जी बधाई.. अच्छा सुनो. हम लोग तुमको आगे भी बढ़ाएंगे। कल जो स्पीकर का चुनाव है उसमें हम लोगों का साथ दो। हम तुमको मंत्री बनाएंगे और नीतीश को हम लोग गिरा देंगे।' लालू के इस सवाल पर विधायक लल्लन कहते हैं कि हम पार्टी में हैं तो इस पर लालू कहते हैं, 'तो अपसेंट हो जाओ फिर। कोरोना हो गया था। फिर स्पीकर हमारा हो जाएगा तो हम लोग देख लेंगे। अपसेंट हो जाओ।' इस पर विधायक कहते हैं देखेंगे सर।
सुशील मोदी ने भी इस कथित ऑडियो को ट्वीट करते हुए कहा, 'लालू यादव ने दिखाई अपनी असलियत लालू प्रसाद यादव द्वारा NDA के विधायक को बिहार विधान सभा अध्यक्ष के लिए होने वाले चुनाव में महागठबंधन के पक्ष में मतदान करने हेतु प्रलोभन देते हुए।' इससे पहले सुशील मोदी ने कहा था, 'लालू राजग विधायकों को रांची से टेलीफोन कॉल कर रहे हैं और मंत्री पद का वादा कर रहे हैं। मैंने जब फोन किया तो सीधे लालू ने फोन उठाया। मैंने कहा कि जेल से इस प्रकार के गंदे खेल मत खेलिए, आपको सफलता नहीं मिलेगी।'
आरजेडी ने किया खंडन
हालांकि आरजेडी ने इस ऑडियो का खंडन किया है और कहा है कि लालू यादव की आवाज में कई लोग बात करते है और यह सुशील मोदी की चाल है। वहीं जेडीयू नेता डॉ. अजय आलोक ने सुशील मोदी के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए कहा, 'नया क्या था सर ?? 2010 में IAS & IPS को फ़ोन कर रहे थे - ये लोग कभी नहीं मानेंगे इसीलिए मैंने कहा था सत्ता की भूख बहुत सताती हैं , ख़ासकर जब सत्ता भोग चुके हैं - अफ़सोस फ़साना पुराना नहीं हैं कोई दीवाना।'