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सर्वदलीय बैठक में एस जयशंकर बोले-अफगानिस्तान के हालात ठीक नहीं

Updated Aug 26, 2021 | 12:53 IST

Afghanistan Crisis Update: अफगानिस्तान पर विपक्ष लंबे समय से सरकार से अपना रुख साफ करने की मांग करता आया है। विपक्ष इस बैठक में तालिबान को मान्यता देने के बारे में सरकार के रुख पर सवाल कर सकता है।

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मुख्य बातें
  • विदेश मंत्री ने अफगानिस्तान के ताजा हालात से विपक्ष को अवगत कराया
  • तालिबान पर सरकार का रुख जानना चाहते हैं विपक्षी दल के नेता
  • भारत के लिए रणनीतिक रूप से काफी अहमियत रखता है अफगानिस्तान

नई दिल्ली : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सर्वदलीय बैठक में विपक्ष के नेताओं को अफगानिस्तान के हालात की जानकारी दी है। जयशंयकर ने कहा कि अफगानिस्तान में हालात में अच्छे नहीं है। सरकार अफगानिस्तान की स्थिति से विपक्ष को अवगत करा रही है। विदेश मंत्री ने कहा कि भारत अपने देशों से वहां से निकालने में जुटा है। यह बैठक काफी अहम मानी जा रही है क्योंकि इतने संवेदनशील मुद्दे पर सरकार विपक्ष को अपने भरोसे में लेना चाहती है। सरकार की कोशिश है कि अफगानिस्तान मसले पर पक्ष-विपक्ष दोनों एकजुट नजर आएं और उनके सुर एक हों। इस बैठक में विपक्ष के सभी बड़े नेता शामिल हुए हैं। 

तालिबान पर सरकार का रुख जानना चाहेगा विपक्ष
अफगानिस्तान पर विपक्ष लंबे समय से सरकार से अपना रुख साफ करने की मांग करता आया है। विपक्ष इस बैठक में तालिबान को मान्यता देने के बारे में सरकार के रुख पर सवाल कर सकता है। सरकार अफगानिस्तान में फंसे अपने नागरिकों को निकालने के लिए 'ऑपरेशन देवी शक्ति' चला रही है। इस मिशन के तहत 800 से ज्यादा लोगों को वापस लाया जा चुका है। गुरुवार को भी अफगानिस्तान से 35 लोग भारत लौटे। भारत सरकार अपने नागरिकों को वहां से निकालने के साथ-साथ पड़ोसी देशों के भी नागरिकों को सुरक्षित निकाल रही है। राहत कार्य की ये चीजें तो साफ दिखाई दे रही हैं लेकिन तालिबान को मान्यता देने के बारे में सरकार क्या सोच रही है, अफगानिस्तान को लेकर उसकी आगे की रणनीति क्या है, विपक्ष इसके बारे में जानना चाहेगा। 

भारत के लिए काफी अहमियत रखता है अफगानिस्तान
भारत के लिए अफगानिस्तान रणनीतिक एवं सामरिक रूप से काफी मायने रखता है। अफगानिस्तान के बदले हुए हालात का फायदा चीन और पाकिस्तान दोनों उठाने की फिराक में है। ऐसे में भारत सरकार को बहुत फूंक-फूंककर कदम आगे रखना है। थोड़ी सी रणनीतिक चूक अफगानिस्तान में भारत के रणनीतिक हितों को प्रभावित कर सकती है। पिछले 20 वर्षों में भारत सरकार ने अफगानिस्तान के विकास के लिए वहां कई परियोजनाएं चलाई हैं और आधारभूत संरचना विकसित करने में उसकी मदद की है। भारत ने वहां संसद का निर्माण किया है। यूपीए के कार्यकाल में अफगानिस्तान के लिए कई बड़ी परियोजनाएं शुरू की गईं। दूसरा, अफगानिस्तान के लोग नई दिल्ली पर बहुत अधिक भरोसा करते हैं। अफगानिस्तान को उसके हालात पर नहीं छोड़ा जा सकता। 

बैठक में विपक्ष के सभी बड़े नेता शामिल
अफगानिस्तान भारत के लिए कितना महत्वपूर्ण है, उसे इस बात से भी समझा जा सकता है कि विपक्ष के सभी नेता इस सर्वदलीय बैठक में शामिल हुए हैं। लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, आनंद शर्मा, राकांपा से शरद यादव, टीएमसी से सुदीप बंदोपाध्याय सहित अन्य विपक्षी दलों के नेता बैठक में पहुंचे हैं। स्थिति की गंभीरता विपक्षी दल भी समझ रहे हैं। सरकार की तरफ से इस बैठक में विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन, मिनाक्षी लेखी और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी शामिल हैं। 

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