नई दिल्ली: महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख से जुड़ी जबरन वसूली के मामले में एक और मोड़ आया है। मुंबई पुलिस के निलंबित अधिकारी सचिन वाजे ने आरोप लगाया है कि देशमुख ने उनसे 2 करोड़ रुपए की मांग की थी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वो सेवा में बने रहें। वाजे को पिछले साल जून में अपराध खुफिया इकाई में बहाल किया गया था।
2002 के घाटकोपर विस्फोट के संदिग्ध ख्वाजा यूनुस की कस्टोडियल डेथ में उनकी भूमिका को लेकर मार्च 2004 में वाजे को निलंबित कर दिया गया था। एनआईए अदालत को लिखे पत्र में सचिन वाजे ने आरोप लगाया कि देशमुख ने उन्हें बताया था कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार उनकी बहाली के पक्ष में नहीं थे और उन्होंने पवार को समझाने के लिए 2 करोड़ रुपए का भुगतान करने के लिए कहा।
वाजे अभी एनआईए की गिरफ्त में हैं। मुंबई की एक अदालत ने बुधवार को उनकी एनआईए हिरासत 9 अप्रैल तक बढ़ा दी। उन्हें मुकेश अंबानी के घर के पास एक वाहन मिलने तथा व्यवसायी मनसुख हिरन की मौत मामलों में गिरफ्तार किया गया था। वाहन में जिलेटिन की छड़ें रखी थीं।
ये आरोप लगाया गया
वाजे ने पत्र में लिखा है, 'मेरी बहाली के तुरंत बाद इसे उलटने के कुछ प्रयास हुए। जाहिर तौर पर माननीय श्री शरद पवार द्वारा मुझे फिर से निलंबन के तहत रखने का आदेश दिया गया। यह मुझे माननीय गृह मंत्री श्री अनिल देशमुख ने नागपुर से फोन पर बताया। उस समय गृह मंत्री सर ने मुझे यह भी कहा कि वह माननीय पवार साहब को मना लेंगे। इस उद्देश्य के लिए उन्होंने (गृह मंत्री) ने मुझे 2 करोड़ रुपए देने को कहा। मैंने ऐसी किसी भी राशि का भुगतान करने में असमर्थता जताई। इस पर माननीय गृह मंत्री सर ने मुझे बाद में इसका भुगतान करने को कहा।'
अनिल परब पर भी गंभीर आरोप
वाजे ने महाराष्ट्र के मंत्री और शिवसेना नेता अनिल परब और मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। अनिल परब पर आरोप लगाया है कि उन्होंने ठेकेदारों से वसूली करने को कहा था। हालांकि, परिवहन मंत्री परब ने वाजे के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वे गलत हैं और इसका लक्ष्य उनकी छवि धूमिल करना है। उन्होंने कहा कि वह किसी भी जांच का सामना करने के लिए तैयार हैं। वाजे ने अपने पत्र में यह दावा भी किया है कि जनवरी 2021 में राज्य के एक अन्य मंत्री अनिल परब ने उनसे बृहन्मुंबई महानगरपालिका में धोखेबाज के तौर पर सूचीबद्ध ठेकेदारों के खिलाफ एक जांच करने और ऐसे करीब 50 ठेकेदारों से कम से कम दो करोड़ रुपए की वसूली करने कहा था।